Ganesh chaturthi 2021: सिद्धि विनायक मंदिर की 5 खास बातें जानकर रह जाएंगे दंग
भगवान श्री गणेश (Ganesh) को अष्ट विनायक कहते हैं। 1. महोत्कट विनायक, 2. मयूरेश्वर विनायक, 3. गजानन विनायक, 4. गजमुख विनायक, 5. मयूरेश्वर विनायक, 6. सिद्धि विनायक, 7. बल्लालेश्वर विनायक और 8. वरद विनायक। इन अष्ट विनायक में सबसे मंगलकारी स्वरूप है सिद्धि विनायक के गणेश (Ganesh Ji) हैं। यह मंदिर मुंबई में स्तिथ है। आज हम इस मंदिर की कुछ अनसुनी बातों के बारे में जानेंगे।
1.इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर संग 1801 में गुरुवार के दिन पूर्ण हुआ था। माटुंगा के आगरी समाज की स्वर्गीय श्रीमती दिउबाई पाटिल के निर्देशों और आर्थिक सहयोग से एक व्यावसाहिक ठेकेदार स्वर्गीय लक्ष्मण विथु पाटिल ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
2. मुंबई प्रभादेवी में काका साहेब गाडगिल मार्ग और एस.के.बोले मार्ग के कोने पर वह मंदिर स्तिथ है।
3.आज इस मंदिर को गजानन के विशेष मंदिर का दर्जा प्राप्त है। मंदिर की सिद्धि और प्रसिद्ध इतनी है की आम हो या खास, सभी बप्पा के दर पर दौड़े चले आते हैं।
4. सिद्धि विनायक (Siddhi Vinayak) का स्वरूप चतुभुर्जी है और इनके साथ इनकी पत्नियां रिद्धि सिद्धि भी विराजमान हैं। सिद्धि विनायक के ऊपर के हाथों में कमल एवं अंकुश और नीचे के एक हाथ में मोतियों की माला और एक हाथ में मोदक से भरा पात्र है।
5. सिद्धि विनायक (Siddhi Vinayak) की पूजा से हर तरह के विध्न समाप्त होते हैं और हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है। इतनी आराधना से घर परिवार में सुख, समृद्धि और शांति स्थापित होती है और संतान की प्राप्ती है।
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