Ganesh Chaturthi (History & Culture): इस दिन दर्शन कीजिए मुंबई के अद्भुत पंडालों का, जहां जाकर दोगुना हो जाएगा पर्व का आंनद

 
Ganesh Chaturthi (History & Culture): इस दिन दर्शन कीजिए मुंबई के अद्भुत पंडालों का, जहां जाकर दोगुना हो जाएगा पर्व का आंनद

Ganesh Chaturthi (History & Culture): गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश भर में मनाया जाता है. यह गणपति जी से जुड़ा एक विशेष त्योहार है. जो कि भारत के मुंबई शहर में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के पर्व में आपको मुंबई शहर में गणेश पांडाल नजर आएंगे. मुंबई में लगने वाले ये पांडाल देश भर में प्रसिद्ध हैं.

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तो आइए आज हम मुंबई में लगने वाले इन पंडालों के बारे में जानते हैं

लालबागचा राजा

1934 में शुरू होने वाला यह पंडाल महाराष्ट्र का सबसे प्रसिद्ध पांडाल है. यह पंडाल अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां लाखों की भीड़ में भक्त आते हैं. मुंबई के लाल बाग बाजार में लाल बाग पुलिस स्टेशन के पास यह पंडाल स्थित है. यहां आने के लिए आप चिंचपोकली, करी रोड या लोअर परेल स्टेशन पर आ सकते है.

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Ganesh Chaturthi (History & Culture): इस दिन दर्शन कीजिए मुंबई के अद्भुत पंडालों का, जहां जाकर दोगुना हो जाएगा पर्व का आंनद

गणेश गली मुंबई चा राजा

1928 में शुरू होने वाला यह पांडाल लालबागचा राजा पांडाल के पास ही कुछ दूर पर स्थित है. यह भी भक्तो गणों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. इस साल यह एक विशेष थीम पर बनाया जा रहा है. जिसमें भारत के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों की प्रतिमाएं दर्शाई जाएंगी. आप चिंचपोकली, करी रोड या लोअर परेल स्टेशन उतर कर यहां आ सकते हैं.

खेतवाड़ी चा राजा

खेतावाड़ी एक ऐसी जगह है, जहां 13 गलियां है इनमें से भी 12वीं गली का पंडाल सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. साल 2000 यहां गणेश जी की 400 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा बनाई गई थी. 1949 में इस पंडाल की शुरुआत की गई थी. चरनी रोड और संडहर्स्ट रोड स्टेशन से आप यहां 15 मिनट में पैदल चलकर भी पहुंच सकते हैं.

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जीएसबी सेवा किंग्स सर्कल

यहां पांडाल में गणेश जी की मूर्ति को सोना पहनाया जाता है. यहां 60 किलो से ज्यादा सोने के गहने गणेश जी को चढ़ाएं जाते हैं। 1954 में शुरू होने वाले इस पंडाल को कर्नाटक के एक ब्राह्मण परिवार ने शुरू किया था। यहां मिट्टी की प्रतिमाएं भी बनाई जाती हैं.

अंधेरीचा राजा, मुंबई

साल 1966 में शुरू होने वाला यह पंडाल अंधेरीचा राजा या अंधेरी के राजा बेहद भव्य है. अंधेरी पश्चिम के वीरा देसाई रोड पर स्थित आजाद नगर सार्वजनिक उत्सव समिति द्वारा स्थापित की जाने वाली यहां गणपति बप्पा की भव्य प्रतिमा को अनंत चतुर्दशी के दिन नहीं बल्कि संकष्टी चतुर्थी के दिन विसर्जित किया जाता है.

चिंचपोकलीचा चिंतामणि, मुंबई

1920 में शुरू होने वाला यह पंडाल मुंबई के चिंचपोकली में स्थित सबसे पुराने मंडल में से एक है. यह अति सुंदर पंडाल अपने भव्य डिजाइन और सजावट के लिए प्रसिद्ध है.

श्री कस्बा गणपति, पुणे

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1893 में शुरू होने वाला यह पंडाल पुणे में स्थित है. श्री कस्बा गणपति को सबसे सम्मानित गणपति के रूप में भी कहा जाता है. यह अत्यंत लोकप्रिय मंडल माना जाता है.

गुरुजी तालीम गणपति

गुरुजी तालीम गणपति मंडल में उत्सव 1887 में शुरू हुआ. जिसमें दो परिवारों एक मुस्लिम और दूसरा हिंदू ने सार्वजनिक दर्शन के लिए गणेश की मूर्ति स्थापित करने का फैसला किया था. शिंदे और अलनबंद, भीकू पांडुरन शिंदे और वस्ताद अलनबंद के वंशज हैं, जिन्होंने समारोह शुरू किया था.

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तुलसी बाग गणपति

1901 में स्थापित, तुलसी बाग गणपति अपने विचित्र दर्शन के लिए जाना जाता है. हर साल अनूठी थीम और डिजाइन के साथ यहां गणपति जी विराजमान होते हैं. 15 फीट पर, तुलसी बाग गणपति पुणे में सबसे ऊंचा गणेश पंडाल है.

केसरी वाड़ा

यह स्थान लोकमान्य तिलक का घर और कार्यालय था. स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक ने इसी जगह से अपना पेपर, केसरी प्रकाशित करना शुरू किया था. यहीं से उन्होंने गणेश चतुर्थी समारोह को समाज में शुरू किया. केसरी वाड़ा गणपति पुणे में पांचवां सबसे महत्वपूर्ण गणपति पंडाल है. केसरी वाड़ा गणपति प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करते हैं.

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