Ganesh chaturthi 2023: क्या वास्तव में पार्वती जी के शरीर पर लगे उबटन से जन्मे थे बप्पा, पढ़ें जन्म कथा
Ganesh chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल भादों महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) वाले दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी वाले दिन माता पार्वती ने गणेश जी को जन्म दिया था, जिनके पिता स्वयं महादेव हैं.
गणेश जी को हिंदू धर्म में प्रमुख देव का दर्जा दिया गया है और किसी भी कार्य को करने से पहले गणेश जी (ganesh ji) की आराधना करना जरूरी माना गया है. गणेश चतुर्थी के अवसर पर लोग अपने घरों में गणपति बप्पा की प्रतिमा को विराजित करते हैं, और 10 दिनों तक उनकी सेवा करते हैं.
ऐसे में गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में आज हम आपको गणेश जी के जन्म की कथा सुनाने वाले हैं, जिसे आज के दिन आपको अवश्य सुनना चाहिए. आईए शुरू करते हैं....
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गणेश जी के जन्म की कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार जब माता पार्वती (mata parvati) अपने शरीर पर हल्दी से उबटन कर रही थी. उस दौरान उन्होंने अपने शरीर से उबटन को उतारने के पश्चात् उससे एक प्रतिमा बनाई. इसके बाद उस प्रतिमा में जान डाल दी और उसका नाम विनायक रखा.
कहते हैं एक बार जब माता पार्वती स्नान के लिए गई, तब शिवजी वहां आ गए और गणेश जी ने शिव जी (Shiv ji) को अंदर जाने से रोका. जिसके बाद गणेश जी और शिव जी के बीच भयंकर युद्ध हुआ. शिव जी ने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया.
माता पार्वती जब बाहर आई तो उन्होंने शिव जी से अपने बेटे का सिर लाने की बात कही. जिस पर महादेव ने गरुड़ देव को आदेश दिया कि जो भी माता अपने बच्चे की तरफ पीठ करके सो रही हो उसे बच्चे का सिर ले आएं. गरुड़ देव को एक हथिनी मिली, जो अपने बच्चे की तरफ पीठ करके लेटी हुई थी.
इसके बाद विनायक (Vinayak) के धड़ के साथ हथिनी के बच्चे का सिर लगा दिया गया, तब से विनायक को गणेश और गणपति कहा जाने लगा. इस प्रकार माता पार्वती और महादेव की संतान गणेश जी का जन्म हुआ.
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