Ganesh ji workship: तो इसलिए गणेश जी की पूजा में चढ़ती है दूर्वा, जानिए कारण…
Ganesh ji workship: गणेश जी को प्रथम देव के तौर पर पूजा जाता है. हर बुधवार को गणेश जी की आराधना की जाती है.
ऐसे में यदि बुधवार के दिन आप भी गणेश जी की पूजा करते हैं, साथ ही उनकी पूजा में शमी के पत्ते और दूर्वा चढ़ाते हैं, तो आज हमारे इस लेख में हम आपको यही बताने वाले हैं,
कि आखिर क्यों गणेश जी की पूजा में दूर्वा को शामिल किया गया है. यानि गणेश जी की पूजा के दौरान क्यों उनपर दूर्वा चढ़ाई जाती है? हमारे आज के इस लेख में हम यही जानेंगे.
गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने के पीछे प्रचलित है ये कथा…
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार जब तीनों लोक पर अनलासुर नामक राक्षस का अत्याचार बढ़ गया था. तब उसने अपने आतंक से सभी देवी-देवताओं को परेशान कर दिया था.
जिसका सामना कोई भी देवता नहीं कर पा रहे थे. जिसके बाद सभी देवी देवता मदद मांगने गणेश जी के पास आए. जिस पर गणेश जी ने उस राक्षस को निगल लिया.
ये भी पढ़े:- विनायक ही नहीं विनायकी भी है गणेश जी का एक रूप
कहते हैं इसी दौरान गणेश जी के पेट में जलन पड़ने लगी, जिसे दूर करने के लिए उन्हें दूर्वा खाने को दी गई. तभी से गणेश जी की पूजा में दूर्वा चढ़ाई जाती है.
कहते हैं दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी आपसे काफी प्रसन्न होते हैं और आपको मनचाहा वरदान देते हैं.
गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने के नियम…
गणेश जी की पूजा में सदैव साफ सुथरी दूर्वा अर्पित करनी चाहिए.
गणेश जी को दूर्वा अर्पित करते समय गणेश जी के 11 मंत्रों का जाप अवश्य करें.
सदा गणेश जी की पूजा में दूर्वा का जोड़ा बनाकर उन्हें चढ़ाना चाहिए.
हो सके तो गणेश जी को हमेशा दूर्वा के 11 जोड़े अर्पित करने चाहिए, इससे आपको लाभ होता है.
दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी अपने भक्तों को जीवन में खुशहाली और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं, इसलिए कभी भी बिना दूर्वा के गणेश जी की पूजा नहीं करनी चाहिए.