Ganesha Puja: बुधवार को क्यों होती है गणेशजी की आराधना, गणपति को प्रसन्न करने के लिए अपनाएं ये पूजन विधि

 
Ganesha Puja: बुधवार को क्यों होती है गणेशजी की आराधना, गणपति को प्रसन्न करने के लिए अपनाएं ये पूजन विधि

Ganesha Puja: किसी भी भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा आवश्यक है, बुधवार (Wednesday) को पूरे विधि विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

भगवान गणेश भक्तों पर प्रसन्न होकर उनके दुखों को हरते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं, भगवान गणेश को रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता माना जाता है, वह भक्‍तों की बाधा, सकंट, रोग-दोष और दरिद्रता को दूर करते हैं।

बुधवार का है विशेष महत्व

हिन्दू धर्म में शास्‍त्रों के अनुसार श्री गणेश जी की विशेष पूजा का दिन बुधवार (Wednesday) है, कहा जाता है कि बुधवार को गणेश जी की पूजा और कुछ उपाय करने से जीवन की सारी समस्‍याएं दूर हो जाती हैं।

गणपति की स्‍थापना दोपहर के समय में की जाती है क्योंकि मान्‍यता है कि गणपति का जन्‍म मध्‍याह्न काल में हुआ था।

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कैसे करें गणपति की स्‍थापना

गणपति की स्‍थापना दोपहर के समय में की जाती है, मान्‍यता है कि गणपति का जन्‍म मध्‍याह्न काल में हुआ था।

गणेश स्थापना के दिन चंद्रमा देखना वर्जित है, आप चाहे तो बाजार से खरीदकर या अपने हाथ से बनी गणपति बप्‍पा की मूर्ति स्‍थापित कर सकते हैं।

गणपति की स्‍थापना करने से पहले स्‍नान करने के बाद नए या साफ धुले हुए बिना कटे-फटे वस्‍त्र पहनने चाहिए।

इसके बाद अपने माथे पर तिलक लगाएं और पूर्व दिशा की ओर मुख कर आसन पर बैठ जाएं

इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा को किसी लकड़ी के पटरे या गेहूं, मूंग, ज्‍वार के ऊपर लाल वस्‍त्र बिछाकर स्‍थापित करें

गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि के प्रतीक स्‍वरूप एक-एक सुपारी रखें

भगवान गणेश की पूजन विधि

श्री गणेश की पूजन विधि भी समान्य है, गणेश जी की पूजा सबसे प्रारंभ में की जाती है, सबसे पहले घी के दीपक जलाकर भगवान् का स्मरण किया जाता है।

गणपति की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराया जाता है तत्पश्चात प्रतिमा को वस्त्रों से सुसज्जित किया जाता है।

गणपति को पसंद है लड्डू का भोग

नैवेद्य की बात करें तो गणेश पूजन में मोदक के भोग के बिना पूजा अधूरी मानी जाएगी क्योंकि गणेश जी को मोदक अति प्रिय हैं, इसके अलावा उन्हें नारियल भी चढ़ाया जाता है।

पुष्प मालाओं के अभिषेक के साथ आप पूजा को समाप्त करके गणपति के सामने अपनी मनोकामना रख सकते हैं, अगर आपकी प्रार्थना में भक्ति हुई तो गणपति उसे अवश्य ही स्वीकार करेंगे और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

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