Ganga Dusshera 2022: गंगा में बहाने के बाद आखिर कहां जाती हैं अस्थियां? जानें…
Ganga Dusshera 2022: जब भी कोई आपका अपना इस संसार को विदा कहकर चला जाता है. तो उसकी आत्मा की शांति के लिए आप उसकी अस्थियों को गंगा में विसर्जित कर देते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा में अस्थि विसर्जन करने से उक्त व्यक्ति की आत्मा को हमेशा के लिए शांति मिल जाती है. इतना ही नहीं, गंगा में अस्थि विसर्जन करने से व्यक्ति के सारे पाप भी धुल जाते हैं, औऱ ऐसी मान्यता है कि उसे हमेशा के लिए जन्म मरण के बंधन से छुटकारा भी मिल जाता है.
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इसी के चलते हिंदू धर्म में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी अस्थियों को गंगा नदी में बहा दिया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर गंगा नदी में विसर्जित करने के बाद जाती कहां हैं? और अस्थियों के विसर्जन के बाद भी गंगा इतनी पवित्र है. तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं…
जानें गंगा में विसर्जित अस्थियों का होता है क्या?
धार्मिक दृष्टि से देखें तो इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है, कि एक बार माता गंगा श्री हरि से मिलने के लिए बैकुंठ धाम पहुंची. जहां उन्होंने भगवान विष्णु से पूछा कि हे प्रभु, सारे मनुष्य मेरे जल में स्नान करने से पाप रहित हो जाते हैं. ऐसे में मैं आखिर कब तक सबके पापों का बोझ उठाऊंगी. जिस पर विष्णु जी ने कहा कि हे गंगे, जब जब सज्जन औऱ साधु संत तुम्हारे जल से स्नान करेंगे. तुम्हारे ऊपर से पापों का बोझ स्वत ही कम हो जाएगा. जिसके बाद से हर व्यक्ति की मरने के बाद अस्थियां गंगा में बहा दी जाती हैं. मान्यता है कि अस्थियां गंगा में बहाने के बाद सीधे बैकुंठ धाम में चली जाती हैं.
वैज्ञानिक आधार को देखें, तो गंगाजल में पारा मौजूद होता है, जबकि मनुष्य की अस्थियों में कैल्शियम और गंधक होता है. जिस कारण जब पारा गंधक से मिलता है, तो वह पारद का निर्माण करता है और फिर वह पानी में ही वाष्प बन जाता है. साथ ही कैल्शियम गंगा के पूरे पानी की सफाई करता हैं. मान्यता है कि गंधक औऱ पारद भगवान शिव के प्रतीक माने गए हैं. ऐसे में गंगा में विसर्जित अस्थियां बाद में शिव शक्ति से जाकर मिल जाती हैं. और व्यक्ति को अपने इस जन्म के बंधनों से हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है.