Gangajal uses in puja: भगवान विष्णु की पूजा में क्यों नहीं होता है गंगाजल का प्रयोग? क्या है कारण
Gangajal uses in puja: हिंदू धर्म में जगत के पालनहार भगवान विष्णु को पूजने के लिए गुरुवार का दिन निर्धारित किया गया है. इस दिन श्री हरि की कृपा पाने के लिए उनके भक्त उनकी पूजा अर्चना करते हैं. आज वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस उपलक्ष में आपको यह जानना बेहद आवश्यक है गंगाजल का इस्तेमाल जोकि हर देवी देवताओं की पूजा में प्रयोग किया जाता है, लेकिन श्री हरि या उनके किसी भी अवतार के पूजन में इसका प्रयोग नहीं होता. ऐसे में आज हम आपको यह बताएंगे कि भगवान विष्णु की पूजा में गंगाजल का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता? इसके पीछे एक पौराणिक मान्यता प्रचलित है. चलिए जानते हैं..
भगवान विष्णु के पूजन के दौरान क्यों नहीं होता गंगाजल का प्रयोग?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब माता गंगा ब्रह्मदेव के कमंडल से बाहर निकलकर धरती पर आ रही थी, तब उन्होंने सबसे पहले भगवान विष्णु के चरण स्पर्श किए थे, और उसके बाद ही गंगा माता महादेव की जटाओं में विराजित हुई. कहा जाता है इस दौरान भगवान विष्णु के चरण स्पर्श करने की वजह से माता गंगा के जल का इस्तेमाल भगवान विष्णु के पूजन में नहीं किया जाता.
अन्य मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण की पटरानी यमुना मैया मानी जाती हैं. इस वजह से भी एक पवित्र नदी होने पर दूसरी नदी को भगवान विष्णु के पूजन में स्थान नहीं मिला.
यही कारण है कि भगवान विष्णु या उनके किसी भी अवतार की पूजा के दौरान गंगाजल का समय ही किया जाता है, फिर चाहे भगवान श्री राम, श्री कृष्ण और श्रीहरि की पूजा हो, उपरोक्त किसी के भी पूजन के दौरान गंगाजल प्रयोग में नहीं लाया जाता है.
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