Hanuman jayanti 2022: इस दिन हनुमान जी हुए थे अवतरित…जानिए हनुमान जयंती का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Hanuman jayanti 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार हनुमान जी एकलौते ऐसे देवता हैं. जो हर काल में रहते हैं. पृथ्वी पर जीवंत अवस्था में विचरण करते है.
रामायण काल, महाभारत काल दोनों कालों में भी रहे थे. हनुमान जी को कोई संकट मोचन कहता है. तो कोई मंगल मूर्ति, अनेकों नामों से जाना जाता है.
भगवान शिव, राम की सेवा करने के लिए रुद्र रूप में अवतरित हुए. गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है कि "चारौ जुग परताप तुम्हारा है प्रसिद्धि जगत उजियारा' हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति सभी समस्यायों से मुक्त होता है. हनुमान जी कलयुग में एकलौते ऐसे देवता हैं जो जीवंत रूप में पृथ्वी पर विचरण करते है.
हनुमानजी के जन्म की कहानी
हनुमान जी के जन्म के बारे में कहा जाता है. कि महाराज दशरथ ने जब यज्ञ से अग्नि देव को प्रसन्न किया. और अग्नि देव ने उन्हें खीर दी, जो खीर राजा ने अपनी रानियों में वांट दी थी.
उसका कुछ भाग चील लेकर उड़ गई थी और वह चील अंजना के आश्रम के ऊपर से जा रही थी. तब माता अंजना का मुख ऊपर की ओर था और इस खीर का कुछ भाग मां अंजना के मुख में गिर गया था. जिससे वह गर्भवती हो गई. और भगवान शिव के 11वें रुद्र के रूप में चैत्र पूर्णिमा को हनुमानजी ने अवतार लिया था.
हनुमान जयंती के महत्व
हनुमानजी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवता माना जाता है. जिन्हें भगवान शिव के अवतार के रूप में देखा जाता है. हनुमानजी के भक्तों के लिए हनुमान जयंती का दिन बहुत ही खास होता है.
हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी की विशेष आराधना की जाती है. हनुमान जयंती के दिन 5 या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों पर कृपा बरसाती है.
हर साल हनुमान जयंती के पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और हनुमान जयंती का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्व है. इस बार (2022 में) हनुमान जयंती 16 अप्रैल दिन शनिवार को है.
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पूजा विधि
कहते है हनुमान जी की उपासना करने वालों को कभी भी कोई ग्रह दोष या अन्य तरह की कोई भी बाधा नहीं सताती है. हनुमानजी की आराधना करने वाले व्यक्तियों से अशुभ फल देने शक्तियां दूर रहती हैं.
हनुमानजी जयंती के दिन सुबह जल्दी स्नान इत्यादि से निर्वृत्त होकर, हनुमानजी के मंदिर जाएं. हनुमानजी की आराधना करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. अगर व्रत रखने का संकल्प किया है तो पूरे दिन व्रत रखें.
शुभ मुहूर्त
सुबह 05:55 मिनट से रवि योग प्रारंभ होकर सुबह 08:40 तक रहेगा. अगर आप इस मुहूर्त में हनुमानजी की आराधना करते हैं. तो यह अत्यंत लाभकारी साबित होगा.