Hanumanji ke darshan: आज कहां मिलेंगे हनुमान जी...और कैसे होंगे बजरंगबली के साक्षात दर्शन? जानिए

 
Hanumanji ke darshan: आज कहां मिलेंगे हनुमान जी...और कैसे होंगे बजरंगबली के साक्षात दर्शन? जानिए

Hanumanji ke darshan: राम भक्त हनुमान कलियुग के प्रमुख देवता के तौर पर पूजे जाते हैं. जिन्हें अमरत्व का वरदान मिला हुआ है, जिस कारण ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी आज भी धरती पर मौजूद हैं.

हनुमान जी हिंदू धर्म के मुख्य देव माने गए हैं, कहते हैं जो भी भक्त सच्चे मन और श्रद्धा से हनुमान जी की भक्ति करते हैं. हनुमान जी उनको बल, बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद देते हैं.

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ऐसे में यदि आप भी आज मंगलवार के दिन राम भक्त हनुमान जी के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको आज हम बताएंगे कि कैसे आप हनुमान जी के दर्शन कर सकेंगे?

यहां मिलेंगे बजरंगबली?

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी हर उस स्थान पर मौजूद हैं, जहां भगवान श्री राम का गुणगान किया जाता है. कहते हैं कि जब भगवान विष्णु अपना कल्कि अवतार लेंगे, तब हिंदू धर्म के सारे चिरंजीवी अवतार लेंगे.

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इन्हीं में से एक हैं हनुमान जी. जोकि आधुनिक समय में आपको गंधमादन पर्वत पर मिलेंगे. ये पर्वत वही हैं जहां हनुमान जी समेत अनेक देवता विचरण करते हैं. जिसके साक्ष्य ऋषि कश्यप समेत अनेक ऋषि मुनियों को मिले हैं.

गंधमादन पर्वत हिमालय के कैलाश पर्वत की उत्तर दिशा में मौजूद है. जहां कोई भी साधारण व्यक्ति वाहन आदि से नहीं जा सकता है. यहां पहुंचने के लिए आपको विशेष तप और हनुमान जी की कृपा की आवश्यकता है.

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हालांकि आप नेपाल देश के रास्ते मानसरोवर होते हुए, या भूटान की पहाड़ियों से होते हुए और अरुणाचल के रास्ते चीन होते हुए यहां पहुंच सकते हैं. कहते हैं इस पर्वत पर एक आदिवासी समूह रहता है, जिन्होंने हनुमान जी के साक्षात दर्शन किए हैं.

उनका कहना है कि साल 2014 में उन्होंने हनुमान जी के दर्शन किए थे अब 2055 में हनुमान जी उनसे मिलने आएंगे. इसके अलावा, दक्षिण भारत स्थित कर्नाटक राज्य में ऋषि मातंग का आश्रम है, कहते हैं आदिवासी समूह और इस आश्रम का गहरा नाता है.

जहां मौजूद धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि हनुमान जी इन कबिलाई आदिवासियों से मिलने आते हैं, क्योंकि जब लंका नगरी में राजा विभीषण का राज हुआ करता था.

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तब हनुमान जी यहीं पिदुरु पर्वत पर निवास करने लगे थे और जब मातंग आदिवासियों को इसका पता लगा, तो उन्होंने पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से हनुमान जी की सेवा की,

कहते हैं तभी हनुमान जी ने इन आदिवासियों से मिलने आने का वादा किया था और तभी से इस स्थान पर हनुमान जी के दर्शन की खबरें सुनने को मिलती हैं.

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