Hindu Dharm Facts: 2 जून की रोटी खाई क्या? आखिर क्या है इस कहावत का मतलब, जानिए
Hindu Dharm Facts: आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा, कि क्या 2 जून की रोटी खाई क्या? ऐसे में आज जब 2 जून है, तो हमारे आज के इस लेख में आपको इस कहावत के बारे में बताएंगे. कि आखिर क्यों ऐसा कहा जाता है कि आपने 2 जून की रोटी खाई क्या…मान्यता है कि जो भी व्यक्ति 2 जून की रोटी खाता है, उसे काफी खुशनसीब माना जाता है. हालांकि यहां 2 जून की रोटी से आशय 2 जून को खाना खाने से नहीं है.
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बल्कि 2 जून की रोटी से तात्पर्य़ है कि आपको जीवन में दो वक्त का खाना नसीब हो रहा है. क्योंकि दुनिया में आज भी कई सारे ऐसे लोग मौजूद हैं, जोकि 2 वक्त का खाना तक नहीं जुटा पाते हैं. यही कारण है कि 2 जून की रोटी यानि 2 वक्त की रोटी आपको नसीब हुई. इसको कहावत के तौर पर पूछा जाता है. लेकिन ये कहावत कैसे बनी? इसका इतिहास भी काफी रोचक है. तो चलिए जानते हैं..
क्या है 2 जून की रोटी के पीछे का कारण
अवधी भाषा में जून का आशय वक्त से होता है, इसलिए हिंदी में ये कहावत गढ़ी गई है कि क्या आपको 2 वक्त यानि 2 जून का खाना मिलता है. जिसके कारण ये कहावत काफी लोकप्रिय है. भोजन किसी भी व्यक्ति की आधारभूत जरूरत है, इसके बिना मानव की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
ऐसे में यदि आप भी चाहते हैं कि अन्नपूर्णा माता का आशीर्वाद सदा आपके ऊपर बना रहे, तो कभी भी भोजन का अपमान ना करें. साथ ही हमेशा गरीबों को अन्न का दान करें. क्योंकि भारत समेत कई सारे देश में काफी लोग भूखमरी के कारण दम तोड़ देते हैं.
इतना ही नहीं, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक, देश में करोड़ो लोग आज भी ऐसे हैं, जिन्हें दो वक्त का खाना नसीब नहीं है, वे आज भी एक वक्त या कभी कभार भूखे ही अपने दिन काट देते हैं. ऐसे में दो जून की रोटी से आशय है कि आपको 2 वक्त का खाना नसीब हुआ है. जिसके माध्यम से व्यक्ति को अन्न का सम्मान करने की प्रेरणा दी जाती है.