Hindu Mythology: तो इस वजह से महिलाओं को झेलनी पड़ती है मासिक दिनों की तकलीफ, इंद्र देव से जुड़ी है ये कहानी…

 
Hindu Mythology: तो इस वजह से महिलाओं को झेलनी पड़ती है मासिक दिनों की तकलीफ, इंद्र देव से जुड़ी है ये कहानी…

Hindu Mythology: महिलाओं में मासिक धर्म को लेकर हिंदू धर्म में एक पौराणिक कथा प्रचलित है. हालंकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे महिलाओं के स्वास्थ्य से जोड़कर बताया गया है.

लेकिन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिलाओं में मासिक धर्म का संबंध देवराज इंद्र से है. जिसके अनुसार,

Hindu Mythology: तो इस वजह से महिलाओं को झेलनी पड़ती है मासिक दिनों की तकलीफ, इंद्र देव से जुड़ी है ये कहानी…
Hindu Mythology

इंद्र देव की एक गलती के कारण महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म को समस्या से जूझना पड़ता है. तो चलिए जानते हैं क्या है इसके पीछे की पौराणिक कथा…

यहां पढ़ें इंद्र देव और मासिक धर्म से जुड़ी कथा…

https://www.youtube.com/watch?v=6f6SqNwGXiI

भागवत पुराण की मानें तो एक बार देव गुरु बृहस्पति देवराज इंद्र से नाराज हो गए थे. इस बात का फायदा उठाकर असुरों ने देवराज इंद्र के लोक पर आक्रमण कर दिया. जिसके बाद इंद्र लोक ब्रह्मा जी की शरण में पहुंचे.

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तब ब्रह्मा जी ने इंद्र देव से ब्रह्मज्ञानी की सेवा करने को कहा. जिस पर इंद्र देव पुन: अपना इंद्र लोक पाने के लिए ब्रह्मज्ञानी की सेवा में लग गए. ब्रह्मज्ञानी की मां एक असुर थी, जिसके बारे में इंद्र देव को कुछ नहीं मालूम था.

ऐसे में जब भी इंद्र देव ब्रह्मज्ञानी को कुछ अर्पित करते थे, तो ब्रह्मज्ञानी अपनी माता के पास चले जाते थे.
ऐसे में जब एक बार इंद्र देव को ये पता लगा, तब वो काफी क्रोधित हुए.

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और उन्होंने ब्रह्मज्ञानी की हत्या कर दी. जिससे इंद्र देव पर ब्रह्मज्ञानी की हत्या का पाप चढ़ गया. ऐसे में जब इंद्र देव इस पाप के बोझ से थक गए, तब उन्होंने भगवान विष्णु की आराधना की.

भगवान विष्णु जब इंद्र देव की उपासना से प्रसन्न हुए, तब उन्होंने उनसे वरदान मांगने को कहा. जिस पर इंद्र देव ने भगवान विष्णु से इस पाप से मुक्ति का वरदान मांगा.

जिस पर भगवान विष्णु ने उनसे कहा कि यदि वह अपने पाप को चार हिस्सों जल, पृथ्वी, पेड़ और स्त्री को बांट दें, तो वे इस पाप से मुक्त हो सकते है. जिसके बाद इंद्र देव ने ठीक ऐसा ही किया. और इन चारों को मानने की कोशिश में लग गए. ऐसे में जब चारों लोग मान गए.

तब पेड़ ने इंद्र देव का पाप अपने सिर लेकर लेकर स्वयं को जीवित कर लिया. जबकि जल ने इस पाप का बोझ लेकर खुद को सबसे पवित्र बना लिया.

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उधर, पृथ्वी ने भी खुद पर पाप लेकर ऐसा बना लिया, कि आज अगर कोई उसे ठोकर मारता है, या चोट पहुंचता है, तो वह उसे सह लेती है. ठीक उसी तरह से, स्त्री के मामले में इंद्र देव का ये पाप मासिक धर्म के रूप में आया.

जिसके अनुसार, महिला पुरुषों से अधिक शक्तिशाली बन गई, लेकिन हर महीने उसे मासिक धर्म की समस्या से जूझना पड़ता है. तो इस प्रकार, महिलाओं के मुश्किल दिनों के पीछे ये पौराणिक मान्यता छुपी है.

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