Holi 2022: राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम का पर्व है होली, मथुरा और बरसाने में मनाए जाने के पीछे ये है विशेष कारण...
Holi 2022: होली का त्योहार रंगों का ही नहीं बल्कि प्रेम का प्रतीक है. हर साल फागुन के महा में मनाया जाने वाला होली का त्योहार हिंदुओं का प्रमुख पर्व है. जिसे लोग प्रेम, सौहार्द तथा खुशियों के साथ मनाते हैं.
इतना ही नहीं होली का पर्व राधा और श्रीकृष्ण के समय से चल रहा है. राधा कृष्ण के होली का पर्व ही सच्चे प्रेम का प्रतीक है. जिसके पीछे कई कथाएं भी पौराणिक रूप से सुनने को मिलती हैं.
हालांकि दुनिया भर में होली का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन मथुरा तथा बरसाने की होली का आनंद अलग ही होता है.
भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा तथा श्री राधा की नगरी वृंदावन में 15 दिनों तक होली का त्योहार मनाया जाता है. यहां की लट्ठमार होली भी विश्व भर में विख्यात है.
मथुरा और बरसाने में होली मनाए जाने के पीछे कारण....
श्री विष्णु जी के अवतार श्री कृष्ण तो श्याम वर्ण के थे. उनकी सांवली सूरत पर तो यह दुनिया कायल है. लेकिन नटखट श्री कृष्ण ने जब यशोमती मैया से यह सवाल पूछा कि आखिर वह सावले रंग के क्यों है और राधा गोरी क्यों है?
तो इस पर यशोमती मैया ने मुस्कुरा कर कहा कि राधा के मुख पर भी वैसा रंग दो जैसा तुम चाहते हो। बस नटखट नंदलाल अपने सखाओं संग राधा और उनकी गोपियों को रंग लगाना शुरू कर देते हैं।
धीरे-धीरे उनकी समस्त गोकुल और बरसाने में फैल जाती है। जिसके बाद प्रेम मई रंग लगाने की शुरुआत शुरू हो जाती है।