Holi 2023: भारत में केवल इन 3 जगहों पर नहीं मनाया जाता है होली का त्योहार, ये है वजह...
Holi 2023: हिंदू धर्म में होली का त्योहार संपूर्ण भारत वर्ष में पूर्ण उत्साह के साथ मनाया जाता है. होली का पर्व हमेशा फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. भारत समेत विदेशों में भी होली का त्योहार बेहद धूमधाम से आयोजित किया जाता है. इस दिन सभी लोग एक दूसरे को गले लगाते हैं और एक दूसरे को गुजिया खिलाकर उनका मुंह मीठा कराते हैं. होली वाले दिन होलिका दहन भी किया जाता है, जोकि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में 3 स्थान ऐसे हैं जहां पर होली नहीं मनाई जाती. इतना ही नहीं इन स्थानों पर होली को मनाना अशुभ माना जाता है, ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको इन्हीं तीन स्थानों के बारे में बताने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं….
भारत के ऐसे 3 स्थान जहां नहीं मनाई जाती होली
देवभूमि स्थित रुद्रप्रयाग जिले के 2 गांव की क्विली और खुरजान में होली का पर्व नहीं मनाया जाता. यहां पिछले 150 सालों से होली नहीं मनाई जाती है. इसके पीछे की वजह यह है, कहा जाता है कि यहां की स्थानीय देवी को लोग बेहद मानते हैं. कहा जाता है कि उस देवी को बिल्कुल भी शोर शराबा पसंद नहीं है, ऐसे में देवी लोगों से नाराज ना हो जाए, इसके लिए यहां पर कई सालों से होली नहीं मनाई गई है. जबकि कई लोग चेचक की बीमारी को यहां होली ना खेलने का कारण मानते हैं.
भारत के गुजरात राज्य के रामसन यानी रामेश्वर गांव में भी कई सालों से होली नहीं मनाई गई है. यहां लगभग 200 सालों से भी ज्यादा समय से पहले होली नहीं मनाई जा रही. इसके पीछे वजह है कि यहां का संबंध भगवान राम से है, जिस वजह से इस जगह का नाम रामेश्वर पड़ा. कहते हैं एक बार यहां होली पर होलिका दहन के दौरान काफी सारे घर जल गए थे. इसके पीछे राजाओं को ऋषि यों और संतों का लगा श्राप कारण माना जाता है, इस वजह से इस गांव में अब होली नहीं मनाई जाती.
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भारत के झारखंड राज्य के बोकारो में एक दुर्गापुर नाम का गांव है, जहां पर पिछले 100 सालों से भी ज्यादा समय से होली नहीं मनाई गई है. इसके पीछे मान्यता यह है कि इस जगह का प्राचीन राजा जिसके बेटे को होली वाले दिन ही मार दिया गया था. जिस वजह से उस राजा ने गांव के लोगों से कहा कि उन्हें होली का त्यौहार नहीं मानना चाहिए, जिस कारण इस गांव के लोग आज भी यहां पर होली का त्योहार नहीं मनाते हैं.