चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में सफलता कैसे पा सकते हैं?

 
चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में सफलता कैसे पा सकते हैं?

वैसे तो चाणक्य और उनसे जुड़ी चाणक्य नीति के बारे में कौन नहीं जानता होगा, फिर भी बताते हैं कि चाणक्य हमारे देश के एक ऐसे महान विद्वान थे. जिनकी बताई गई बातें अभी भी उतनी ही प्रचलित है, जितनी उनके समय में थी. आचार्य चाणक्य एक महान ज्ञानी होने के साथ-साथ एक अच्छे नीतिकार भी थे. उन्होंने मनुष्य के जीवन को सुलभ और सुखमय बनाने के विषय में अच्छी बातों का वर्णन किया है. जिनको जानकर कोई भी मनुष्य जीवन में हमेशा सुखी और यशस्वी रह सकता है.

चाणक्य नीति

हमारी ग्रंथ जिसमें मानव कल्याण से जुड़ी प्रत्येक बात का वर्णन मिलता है. ठीक उसी प्रकार चाणक्य नीति चाणक्य द्वारा रचित एक नीति ग्रंथ है. जिसमें जीवन को सुखमय और सफल बनाने के लिए उपयोग सुझाव दिए गए हैं. इसका मुख्य विषय मानव समाज को जीवन के हर एक पहलू की व्यवहारिक शिक्षा देना है. चाणक्य एक महान ज्ञानी थे. जिन्होंने अपनी नीतियों की बदौलत चंद्रगुप्त मौर्य को गद्दी पर बैठा दिया था. आइए जानते हैं चाणक्य की कुछ ऐसी महत्वपूर्ण नीतियां जो आपके जीवन को सफल बनाने में मदद करेंगे.

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अपनी योग्यता को पहचानना

चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपनी शक्ति अर्थात ताकत के बारे में पता होना चाहिए. ताकत का मतलब है कि वह व्यक्ति क्या कर सकता है, क्या नहीं. व्यक्ति को वही कार्य करना चाहिए जिसे वह अच्छे से कर सकता है.

मित्र और शत्रु की पहचान

दोस्ती तो हर कोई करता है. सभी के मित्र भी होते हैं. लेकिन सच्चे मित्र की पहचान बहुत ही कम लोग कर पाते हैं. कभी-कभी शत्रु भी मित्र का रूप धारण कर लेते हैं. यदि सफल होना है, तो मित्र और शत्रु में अंतर पहचानना जरूरी है.

मूर्ख लोगों से कभी विवाद ना करें

व्यक्ति को कभी भी मूर्ख लोगों से विवाद नहीं करन चाहिए. क्योंकि मूर्ख लोग के पास बिल्कुल भी समझदारी नहीं होती है. अगर आप उनसे बात करेंगे, तो आपका ही नुकसान होगा. मूर्ख लोगों से विवाद होने पर चुप रह कर, अपनी बुद्धि से काम लेना चाहिए.

चाणक्य नीति के अनुसार, योजनाबद्ध कार्य करें

किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी पूरी जानकारी रखनी चाहिए. यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह कार्य कैसे शुरू करें, कैसे पूर्ण करें. यानि कार्य को योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए. तभी सफलता प्राप्त हो सकती है.

चाणक्य नीति के अनुसार, व्यर्थ का पछतावा नहीं करना

बीते हुए समय पर व्यक्ति को पछताने से कोई फायदा नहीं होता है. इससे समय की बर्बादी होती है. और मनुष्य पहले भी कुछ नहीं कर पाता है. और आने वाले समय में भी सोचता रहता है. यदि सफल होना है तो बीते हुए पल को याद नहीं करना चाहिए.

धन को सोच समझकर खर्च करें

धन को समझ समझ कर क्या करना चाहिए. कहा जाता है धन है तो जीवन है बिना धन के तो हम कंगाल हैं. वास्तव में धन है तो सुख-समृद्धि समृद्धि, चैन है. धन हमारे जीवन में खास रोल अदा करता है. चाणक्य के अनुसार, कुबेर भी अपनी आय से ज्यादा खर्च करेगा, तो वह भी कंगाल हो जायेगा.

ज्यादा ईमानदार ना बनो

व्यक्ति को ज्यादा ईमानदार भी नहीं होना चाहिए. क्योंकि इससे भी स्वयं का ही नुकसान होता है. ज्यादा ईमानदारी दिखाने से लोगों को शक होने लगता है कि कहीं इसमें इसका फायदा तो नहीं.

खुश रहना है तो लगाव से रहो दूर

मानो या ना मानो ज्यादातर लोग आज खाने पीने के लिए दुखी नहीं है. बल्कि अपने रिश्तों के कारण दुखी हैं. रिश्तों में लड़ाई झगड़ा के कारण तनाव उत्पन्न होता है. जिससे हमारे लक्ष्य में काफी बधाएं उत्पन्न होती हैं.

अपनी कमजोरी किसी को ना बताएं

व्यक्ति को अपनी कमजोरी किसी से शेयर नहीं करनी चाहिए. इससे रिश्तेदार, आसपास के लोग, दोस्त आपका फायदा भी उठा सकते हैं. किसी को अपनी कमजोरी बताना मतलब अपना ही नुकसान करना होता है.

यदि आप चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियों को अपने जीवन में उतारते हैं, तो आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी.

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