जानिए सनातन धर्म के फलदायी मंत्र और उनके जाप के बारे में
सनातन धर्म में विभिन्न सारे फलदायी मंत्र हैं. मंत्र का शाब्दिक अर्थ विचार या चिंतन करना होता है. मंत्र भी एक प्रकार की वाणी है. जिसका प्रयोग किसी भी प्रकार के धार्मिक प्रयोजनों में वेदों के ज्ञाता और पंडित के द्वारा किया जाता है. हालांकि सनातन धर्म अपने मूल रूप हिंदू धर्म के वैकल्पिक नाम से जाना जाता है. सनातन धर्म का अर्थ है- हमेशा बना रहने वाला, अर्थात जिसका ना अंत है और ना आदि. जहां सनातन धर्म में वर्णित मंत्र व्यक्ति को बंधन से मुक्त करते हैं. तो वहीं मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है. मंत्र शब्द का अर्थ होता है मन को एक तंत्र में बांधे रखना. इस प्रकार सनातन धर्म के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र निम्न हैं -
सनातन धर्म के फलदायी मंत्र
क्लेश नाशक मंत्र
ॐ श्री कृष्णाय शरणं मम।
इसके प्रभाव से जीवन में शांति और शीतलता प्रदान होती है. इस मंत्र का नित्य जप करने से कलह और कलेश का अंत होकर परिवार में खुशियां वापस लौट आती हैं.
शांति दायक मंत्र
राम…. राम….. राम….
इस मंत्र के जप से मन में शांति का प्रसार होता है. चिंताओं से मुक्ति मिलती है और दिमाग शांत रहता है. राम का नाम जपना सबसे उत्तम माना जाता है. यह मंत्र नकारात्मक विचारों को नष्ट कर देता है.
मोक्षदायिनी गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेंयं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
यह मंत्र सभी मंत्रों का मंत्र है. हिंदू शास्त्रों में इस मंत्र को प्रथम और महामंत्र कहा गया है.
समृद्धि दायक मंत्र
ॐ गं गणपति नमः।
इस मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए. सर्वप्रथम पूजनीय गणेश भगवान को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. किसी शुभ कार्य को करने से पहले इस मंत्र को करना लाभकारी माना जाता है.
चिंता मुक्ति मंत्र
ॐ नमः शिवाय।
तीन शब्दों का यह मंत्र महामंत्र कहलाता है. इस मंत्र को करने से जातक को सभी चिंताओं से मुक्ति मिलती है.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्रयंबकं यजामहे सुगंधिंपुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधानांमृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
शिव का यह मंत्र मृत्यु अकाल को डालने वाला माना जाता है यदि जातक शिवलिंग पर दूध मिला जल, धतूरा चढ़ाकर यह मंत्र रोज बोलता है तो पूरा परिवार बीमारी मुक्त रहता है.
दरिद्रता नाशक मंत्र
ॐ ह्रीं ह्रीं श्रीं लक्ष्मी वासुदेवाय नमः।
धन की कमी को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
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