Ishwar ki kripa: जिन लोगों के भीतर होती है ये बात, ईश्वर बरसाते हैं उनपर अपनी कृपा
Ishwar ki kripa: ईश्वर और भक्त के बीच का संबंध बेहद पवित्र होता है. यह संबंध विश्वास, आस्था और समर्पण से जुड़ा होता है. चूंकि ईश्वर सर्वशक्तिमान है. ईश्वर का साथ जिसके साथ होता है, वह जीवन की हर मुश्किल से लड़ सकता है. यही कारण है कि ईश्वर का साथ हर कोई पाना चाहता है.
लेकिन क्या ईश्वर का साथ पाना आसान है? दरअसल ईश्वर का साथ पाने के लिए आपके अंदर कई गुणों का होना आवश्यक है. ईश्वर की साधना में आडंबरों का प्रयोग करने मात्र से ही ईश्वर की अनुपम कृपा प्राप्त नहीं होती है. बल्कि आपको ईश्वर से लगाव और प्रेम होना भी जरूरी है.
अगर आप सच में ईश्वर की कृपा को प्राप्त करना चाहते हैं, तो अपने अंदर इन विशेष गुणों का विकास जरूर करें
विनम्रता की भावना
ईश्वर को प्राप्त करने के लिए एक भक्त के हृदय में विनम्रता का भाव होना बेहद जरूरी है. विनम्रता के भाव से ही आप ईश्वर के करीब पहुंच सकते हैं. विनम्रता के गुण से ही ईश्वर आपसे प्रसन्न हो सकते हैं. इस प्रकार जब ईश्वर आपसे प्रसन्न होंगे तो उनकी कृपा आप पर अवश्य बनी रहेगी.
समर्पण की भावना
ईश्वर की कृपा को प्राप्त करने के लिए एक वक्त के अंदर समर्पण की भावना होना बेहद जरूरी है. समर्पण व्यक्ति को महान बनाता है. ईश्वर ने भी अपने उपदेशों में सदा समर्पण का उपदेश दिया है. यदि आप भी ईश्वर की अनुपम कृपा का पात्र बनना चाहते हैं तो अपने अंदर समर्पण की भावना जरूर उत्पन्न कर लें. जो लोग समर्पण के भाव से ईश्वर की आराधना करते हैं वह ईश्वर को प्राप्त करते हैं.
धैर्य होना भी है जरूरी
ईश्वर की कृपा को प्राप्त करने के लिए आपके अंदर धैर्य होना भी जरूरी है. यदि आपके अंदर धैर्य नहीं है तो आप कितना भी प्रयास क्यों ना कर लें, ईश्वर का हाथ आपको कभी प्राप्त नहीं हो पाएगा. इसलिए ईश्वर की विशेष दृष्टि के लिए आपको विकट परिस्थितियों में भी संयम रखना जरूरी है.
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कर्म का साथ भी है जरूरी
आपने अक्सर सुना होगा कि जो लोग स्वयं की मदद करते हैं, ईश्वर उनकी मदद करते हैं. इसलिए यदि आप ईश्वर के सबसे अच्छे बच्चे बनना चाहते हैं तो बेहद जरूरी अपना कर्म करना. आपके अच्छे कर्म ही आपको ईश्वर की कृपा के योग्य बनाएंगे.