Janmashtami 2022: श्री कृष्ण की 16 हजार रानियों से शादी के पीछे ये है कहानी, जानिए इस जन्माष्टमी...

 
Janmashtami 2022: श्री कृष्ण की 16 हजार रानियों से शादी के पीछे ये है कहानी, जानिए इस जन्माष्टमी...

Janmashtami 2022: हिंदू धर्म में हर साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. सबके प्रिय बांके बिहारी का यह जन्मदिन भारत के कई स्थानों पर बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. श्री कृष्ण ने जहां जन्म लिया उस जन्म भूमि मथुरा में भी जन्म उत्सव की तैयारियां हफ्ते भर पहले से ही शुरू हो जाती हैं.

साल भर से लोग जन्माष्टमी के त्यौहार का इंतजार करते हैं. इस वर्ष बांके बिहारी का जन्मदिन 19 अगस्त को मनाया जा रहा है. भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की रोहिणी नक्षत्र में रात 12:00 बजे जन्म लेने वाले भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव सभी लोग 19 अगस्त को मनाएंगे.

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श्री कृष्ण के जीवन से कई लीलाएं जुड़ी हुई है. उन्होंने ऐसी कई लीलाएं की जो आज भी भक्तों को मोहित करती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ही भगवान श्री कृष्ण की 16108 पत्नियां थी. लोग इस बात को सुनकर काफी आश्चर्यचकित हो जाते हैं. लेकिन इसके पीछे क्या रहस्य आइए आज हम आपको बताते हैं.

Janmashtami 2022: श्री कृष्ण की 16 हजार रानियों से शादी के पीछे ये है कहानी, जानिए इस जन्माष्टमी...

दरअसल मुख्य रूप से भगवान श्री कृष्ण की पत्नी का दर्जा रुक्मणी को दिया जाता है. महाभारत के अनुसार राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणी भगवान श्री कृष्ण से बेहद प्रेम करती थी, उनके प्रेम की शक्ति से भगवान श्री कृष्ण ने उनसे विवाह किया. इसके अलावा भी भगवान श्री कृष्ण की 16107 पत्नियां थी.

अब इनसे भगवान श्री कृष्ण ने कैसे विवाह किया? जानने के लिए पढ़ना जारी रखें.

भगवान श्री कृष्ण एक ऐसे देवता थे जिन्होंने दूसरों की भलाई और उपकार के लिए कई त्याग किए. पुराणों के अनुसार भूमासुर नाम के एक दानव ने अमर होने के लिए 16,100 कन्याओं की बलि देने का निर्णय लिया था. जिसके चलते उसने 16,100 कन्याओं को अपने कारावास में बंदी बना लिया था. लेकिन भगवान श्री कृष्ण के धरती पर होते हुए इतना बड़ा पाप भला कैसे हो सकता था. भगवान श्री कृष्ण ने उस दानव को यह पाप करने से रोका और इन 16,100 कन्याओं को मुक्त कराया तथा वापस घर भेज दिया.

Janmashtami 2022: श्री कृष्ण की 16 हजार रानियों से शादी के पीछे ये है कहानी, जानिए इस जन्माष्टमी...

लेकिन यह कन्याए उस दानव के चंगुल से तो बच गई परंतु अपने-अपने घर पहुंचने पर समाज और घरवालों ने इन्हें चरित्रहीन बताकर स्वीकार करने से इंकार कर दिया. ऐसी परिस्थिति में भगवान श्री कृष्ण ने इन 16,100 कन्याओं से अपने 16,100 रूपों में प्रकट होकर विवाह किया.

श्री कृष्ण की थी 8 पटरानियां

शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण की 8 पत्नियां अथवा पटरानियां थीं. जिनका नाम रुक्मणी, जामवंती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रविंदा, सत्य, भद्रा और लक्ष्मणा था. इन पत्नियों में भी सबसे पहले श्री कृष्ण ने रुक्मणी से विवाह किया था. बाद में अन्य श्री कृष्ण के प्रेम ने उनसे विवाह करना चाहती इसलिए श्री कृष्ण उनके साथ विवाह संपन्न किया. उनकी सभी पत्नियों के 10-10 पुत्र थे और एक एक पुत्री भी थी. इस प्रकार श्री कृष्ण के 1,61,080 पुत्र तथा 16,108 पुत्रियां थीं.

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