Karwa Chauth 2022: इस आरती के बिना अधूरी होती है करवा चौथ की पूजा, जरूर करें गान
Karwa Chauth 2022: हिंदू धर्म में करवा चौथ का पर्व बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है. यह इसीलिए महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि करवा चौथ का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद विशेष होता है.
यह एकमात्र ऐसा व्रत है जिसमें सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं. हर वर्ष करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है.
इस वर्ष यह व्रत - पर्व 13 अक्टूबर 2022, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. हिंदू धर्म की हर पूजा भगवान गणपति जी की पूजा अर्चना से शुरू होती है. इसी प्रकार करवा चौथ व्रत की पूजा में भी सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है.
हालांकि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत पूर्ण होता है. तो इस प्रकार करवा चौथ की पूजा में चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व होता है. लेकिन इसके बावजूद करवा चौथ व्रत में चौथ माता की पूजा सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है.
चौथ माता का रूप, देता है सबको खुशियां
चौथ माता को देवी पार्वती का रूप माना जाता है. धार्मिक शास्त्रों अथवा पुराणों में चौथ माता का वर्णन नहीं पाया जाता है. लेकिन मान्यताओं के अनुसार इनकी पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखद बना रहता है साथ ही परिवार में सुख और समृद्धि का आगमन होता है.
चौथ माता का प्रसिद्ध मंदिर
हमारे भारत देश में मंदिरों की कमी नहीं है. इसी तरह राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर जिले में स्थित एक बरवाड़ा शहर में चौथ माता का मंदिर भी स्थापित है. माना जाता है कि 1451 में इस मंदिर की स्थापना राजा भीम सिंह द्वारा कराई गई थी. यह मंदिर सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनवाया गया है.
इतना ही नहीं मन्दिर स्थल में पहुंचने के लिए आपको 700 सीढ़ियां भी चढ़नी पड़ती हैं. इस मन्दिर के परिसर में चौथ देवी की मूर्ति के साथ ही भगवान गणपति जी और भैरव नाथ की मूर्ति भी स्थापित है.
करवा चौथ के दिन जब आप चौथ माता की पूजा अर्चना करेंगे तो इस पूजा में विशेष तौर पर चौथ माता की आरती करना अनिवार्य होता है.
तो आइए जान लेते हैं चौथ माता की आरती
ओम जय श्री चौथ मैया,
बोलो जय श्री चौथ मैया
सच्चे मन से सुमिरे,
सब दुःख दूर भया
ओम जय श्री चौथ मैया.
ऊंचे पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी
देखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी
ओम जय श्री चौथ मैया
महासिंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे
सिंह की सवारी सोहे, कर में खड्ग धरे
ओम जय श्री चौथ मैया
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बाजत नौबत द्वारे, अरु मृदंग डैरु
चौसठ जोगन नाचत, नृत्य करे भैरू
ओम जय श्री चौथ मैया
बड़े बड़े बलशाली, तेरा ध्यान धरे
ऋषि मुनि नर देवा, चरणो आन पड़े
ओम जय श्री चौथ मैया
चौथ माता की आरती, जो कोई सुहगन गावे
बढ़त सुहाग की लाली, सुख सम्पति पावे
ओम जय श्री चौथ मैया