शादी की तारीख तय करते समय इन पांच चीजों का रखें ध्यान, वरना जीवन में लग सकता है ग्रहण
शादी (Shaadi) को लेकर दूल्हा और दुल्हन समेत दोनों परिवारों के लोगों के मन में काफी उत्साह रहता है. शादी करने से पहले लोग जन्मकुंडली और दोष समेत कई चीजें पता करते हैं जिससे दोनों कपल के बारे में चीजें आसानी से पता चल सके. वहीं आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि शादी की तारीख (Wedding Date) तय करते समय किन पांच चीजों का ध्यान रखना चाहिए. अगर आप इन पांच चीजों का ध्यान नहीं रखते हैं तो आपके जीवन में ग्रहण भी लग सकता है.
इन नक्षत्रों में न करें विवाह
सबसे पहले ध्यान रखें कि पूर्वा, फाल्गुनी और पुष्य नक्षत्र को विवाह के लिए अच्छा नहीं होता है. इसलिए जब आप विवाह की तारीख तय करवा रहे हों, तो एक बार पंडित से ये पता कर लें कि इस दौरान इनमें से कोई नक्षत्र तो नहीं है. फिर यह स्पष्ट होने के बाद ही शादी की तारीख निर्धारित करें.
तारा अस्त हो, तब न करें
वहीं गुरु और शुक्र में गोचर में हों और तारा अस्त हो, वो समय विवाह के लिए ठीक नहीं माना जाता है. इसके अलावा चातुर्मास का समय विवाह के लिए शुभ नहीं होता है. इसलिए ध्यान रखें की इन तीरीखों में विवाह न करें. अगर आप ऐसे समय में व्याह करते हैं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
माता-पिता के विवाह वाला महीना न चुनें
अगर हमारे माता-पिता के विवाह की तिथि और हमारी तिथि एक नहीं होना चाहिए. इसलिए हमें उस माह में भी विवाह नहीं करना चाहिए, जिसमें माता-पिता का विवाह हुआ हो. कई लोग इस बात को जानते नहीं होते हैं.
बड़ी संतान का विवाह ज्येष्ठ माह में नहीं
पहली और सबसे बड़ी संतान की शादी कभी भी ज्येष्ठ के महीने में नहीं करनी चाहिए. अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से ज्येष्ठ का महीना मई और जून के बीच पड़ता है. ज्येष्ठ के महीने में पहली संतान का विवाह शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए तिथि निर्धारण के समय इस बात का ध्यान रखें.
ग्रहण और विवाह तिथि
सूर्य या चंद्र ग्रहण हो, जिस दिन हो उससे तीन दिन पहले और तीन दिन बाद तक की तिथि नहीं निकलवानी चाहिए. इस दौरान विवाह कार्य शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए वह इन दिनों में विवाह करने से बचना चाहिए.
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