Khatu shyam mandir: हर साल फाल्गुन के महीने में क्यों लगता है लक्खी मेला? जानें धार्मिक महत्व
Khatu shyam mandir: राजस्थान के सीकर जिले में बाबा खाटू श्याम का बेहद प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है. बाबा खाटू श्याम की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इस मंदिर में बाबा खाटू श्याम के भक्तों का ताता लगा रहता है. जहां हर साल फाल्गुन महीने में लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार भी इस मेले का आयोजन 22 फरवरी को किया जाएगा, खाटू श्याम जोकि भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद की वजह से कलियुग में प्रमुख देवता के तौर पर पूजे जाते हैं, उनके मंदिर में लगने वाले इस मेले का विशेष धार्मिक महत्व है. किसके बारे में आज हमारे इस लेख में हम जानेंगे.
बाबा खाटू श्याम के मेले का महत्व
राजस्थान स्थित सीकर में खाटू श्याम के मंदिर में हर साल मेले का आयोजन किया जाता है. इस मेले में दूर-दूर से बाबा खाटू श्याम के भक्तों पहुंचते हैं, माना जाता है कि इस मेले के दौरान बाबा खाटू श्याम का दर्शन पाकर व्यक्ति अपने जीवन में सुख शांति की कामना करता है.
इस मेले में बाबा खाटू श्याम की एक झलक पाने के लिए लोग मिलों पैदल चलते हैं, हालांकि बाबा खाटू श्याम को खुश करने के लिए अन्य कई सारे उत्सव या यात्राएं की जाती हैं, लेकिन फाल्गुन महीने में बाबा खाटू श्याम के भक्त मीलों पैदल चलकर बाबा खाटू श्याम के पास पहुंचते हैं.
इसके बाद बाबा खाटू श्याम के मंदिर में पहुंचकर बाबा खाटू श्याम को केसरिया रंग चढ़ाते हैं, माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मेले के दौरान कई लोग बाबा खाटू श्याम के श्याम कुंड में डुबकी भी लगाते हैं, कहा जाता है ऐसा करने से व्यक्ति को कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है,
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इसके साथ ही उसके जीवन में सकारात्मकता आती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी श्याम कुंड में बाबा खाटू यानी बर्बरीक का कटा हुआ सिर प्राप्त हुआ था, तभी से इस जगह का विशेष धार्मिक महत्व है. आपको बता दें कि बाबा खाटू श्याम का आशीर्वाद पाने के लिए हर साल फाल्गुन के महीने में इससे लक्खी मेले का आयोजन किया जाता है.