जानिए भगवान सत्यनारायण की कथा का रहस्य
भगवान सत्यनारायण की कथा सनातन धर्म में काफी आवश्यक मानी गई है. भगवान विष्णु की उपयुक्त कथा से इंसान को जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में किसी शुभ कार्य को करने से पहले उपरोक्त कथा को करना शुभ माना जाता है. लोगों की मांगी हुई मन्नत पूरी होने पर भी यह कथा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार सत्यनारायण की कथा कराने से हजारों साल तक किये गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है. जिसे यह कथा सुनने का मौका मिलता है. उसे यह सौभाग्य की बात है. पूर्णिमा के दिन कथा करवाना काफी शुभ माना जाता है.
सत्यनारायण की कथा का महत्व
सत्यनारायण भगवान की कथा कभी भी किसी भी समय करवा सकते हैं. लेकिन पूर्णिमा तिथि कथा के लिए खास मानी जाती है.
-जो जातक यह कथा करवाते हैं. उन्हीं सभी बंधनों से मुक्ति मिलती है.
-इस दिन भगवान की कथा करने वालों को विशेष फल की प्राप्ति होती है.
-यह कथा केले के पेड़ के नीचे, घर के ब्रह्म स्थान पर करना उत्तम माना गया है.
-कथा में पंजीरी, पंचामृत, केला, और तुलसी का भोग लगाना अच्छा माना जाता है.
-यह कथा अपने गृहजनों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों, सभी के साथ सुनने से जीवन में समृद्धि आती है.
-व्यक्ति यदि सत्यव्रत करता है, तो वह सुख-समृद्धि का अधिकारी बन सकता है.
-यह कथा घर में धन-संपत्ति, अन्ना, लक्ष्मी का आशीर्वाद लाती है.
-परिवार के वंशजों को सुख-समृद्धि, संतान, कीर्ति, वैभव, पराक्रम, सौभाग्य, ऐश्वर्या आदि का वरदान मिलता है.
-इस दिन गेहूं का दान सोने के दान के समान माना जाता है. गेहूं को कनक माना जाता है.
याद रखने योग्य बातें
-कथा से पहले घर को साफ कर लेना चाहिए.
-गंगाजल के छिड़काव से घर को पवित्र करना चाहिए.
-एकादशी हो या सत्यनारायण भगवान की कथा इस दिन चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
-मदिरापान करने वाले व्यक्ति को इस कथा में नहीं बुलाना चाहिए.
-मासिक धर्म से पीड़ित महिलाओं को सत्यनारायण की कथा में नहीं आना चाहिए.
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