महाभारत का मुख्य कारण क्या था... जानिए

 
महाभारत का मुख्य कारण क्या था... जानिए

महाभारत हिंदुओं का प्रमुख ग्रंथ माना जाता है. यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है. इस ग्रंथ को हिंदुओं में 'पंचम वेद' माना जाता है. महाभारत के लेखक गणेश जी और रचयिता वेदव्यास जी हैं. महाभारत ग्रंथ की लोकप्रियता भारत, नेपाल, श्रीलंका, तिब्बत आदि देशों में देखने को मिलती हैं. महाभारत का मुख्य आधार कौरवों और पांडवों के बीच आपसी संघर्ष से है. महाभारत में अनेक बातों का वर्णन मिलता है लेकिन कुछ मुख्य पात्र जैसे श्री कृष्ण, अर्जुन, भीष्म, कर्ण, भीम, दुर्योधन, युधिष्ठिर आदि है.

महाभारत होने का कारण एवं पात्र

महाभारत वैदिक कालीन इतिहास का सबसे विशाल युद्ध माना जाता है. कुरुक्षेत्र युद्ध कौरव और पांडवों के बीच कुरु साम्राज्य के सिंहासन की प्राप्ति के लिए हुआ था. इसका मुख्य कारण कौरवों की उच्च महत्वाकांक्षाएं और धृतराष्ट्र का पुत्र मोह है. आइए जानते हैं इस ग्रंथ के प्रमुख पात्रों के बारे में-

WhatsApp Group Join Now

शांतनु: यह महाभारत ग्रंथ के प्रमुख पात्र है. इनका विवाह गंगा से हुआ. जिससे इनके पुत्र देवव्रत यानी भीष्म का जन्म हुआ. शांतनु का दूसरा विवाह सत्यवती से हुआ.

सत्यवती: इनका विवाह हस्तिनापुर नरेश शांतनु से हुआ था. यदि सत्यवती शांतनु से वरदान नहीं मांगती, तो कुछ भी नहीं बदलता.

भीष्म: देवव्रत का नाम ही बाद में भीष्म पड़ा. अपने पिता की इच्छा पूर्ण करने के लिए सदा तत्पर थे. इसके लिए उन्होंने सत्यवती से अपने पिता का विवाह करवाने के लिए अपने जीवन की सभी इच्छाओं का दमन कर दिया.

धृतराष्ट्र: यह एक राजा थे इनके पास शक्ति और सामर्थ्य होने पर भी यह पुत्र मोह में अंधे हो चुके थे.

शकुनी: शकुनी इधर-उधर चुगली करने में माहिर था. वह अपनी बहन गांधारी का विवाह राजा धृतराष्ट्र के साथ करने के कारण दुखी रहता था. क्योंकि वह अपने भांजो के साथ अन्याय नहीं देख सकता था.

दुर्योधन: यह एक ऐसा पात्र था जो चाहता था कि युद्ध हो. वह अपने अभिमान और घृणा के दलदल में धंस चुका था.

द्रोपदी: पांडु की पत्नी और पांडवों की माता थी. इन्हें सबसे अधिक कोसा जाता है, लेकिन यदि देखा जाए तो युद्ध का कारण द्रोपदी नहीं है. क्योंकि केवल द्रोपदी के अपमान की बात होती तो यह युद्ध कदापि नहीं होता.

कर्ण: कर्ण को महाभारत युद्ध का प्रमुख कारण माना जाता है. यदि कर्ण को बाल्यावस्था से ही राजवंश के पारिवारिक संबंधों से बाहर कर दिया जाता, तो ऐसा कभी नहीं होता.

कृष्ण: कृष्ण वासुदेव और देवकी की आठवीं संतान है. भगवान कृष्ण ने युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में अर्जुन को उपदेश दिया था. जिसे आज हम महान ग्रंथ भागवत गीता के नाम से जानते हैं.

जरूर पढ़ें:-

हरिद्वार महाकुंभ: महाशिवरात्रि पर पहला शाही स्नान आज, हज़ारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

Tags

Share this story