Kundli milan for marriage: शादी से पहले जरूरी है कुंडली मिलान, वरना मजबूत से मजबूत रिश्ते में पड़ जाती है दरार!
Kundli milan for marriage: हिंदू धर्म में शादी विवाह को काफी अहम माना गया है. जिस दौरान अनेक तरह के पारंपरिक रीति रिवाजों और रस्में निभाई जाती हैं. कहते हैं शादी के बाद ही व्यक्ति गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है, और आने वाली पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए खुद को तैयार करता है. ऐसे में जब भी किसी व्यक्ति के विवाह की बात आती ही, तब लड़का और लड़की की कुंडली का मिलान किया जाता है. जिसमें मौजूद 36 गुणों में से यदि लड़का और लड़की के 18 गुण भी मिल रहे हैं, तब भी विवाह के लिए विचार किया जा सकता है.
और इससे कम गुणों के मिलने पर विवाह के रिश्ते में आगे चलकर परेशानियां आने की संभावना रहती है. इसलिए घर के बड़े बुजुर्ग विवाह या जीवन साथी का चुनाव करने से पहले कुंडली मिलान की बात पर जोर देते हैं. लेकिन आधुनिक पीढी इस बात पर अधिक ध्यान नहीं देते हैं, जिस कारण अधिकांश लोगों को आगे वैवाहिक रिश्ते में अवश्य ही तकरार का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको यही बताएंगे कि आखिर क्यों? विवाह से पहले कुंडली मिलान की बात कही जाती है. तो चलिए जानते हैं….
क्यों जरूरी है विवाह से पहले कुंडली मिलान?
ज्योतिष शास्त्र में विवाह से पहले कुंडली मिलान इस श्लोक के आधार पर किया जाता है.
वर्णो वश्यं तथा तारा योनिश्च ग्रह मैत्रकम्।
गणमैत्रं भकूटं च नाड़ी चैते गुणाधिका।।
जिसके अनुसार, यदि लड़की और लड़के का वर्ण समान या मिल रहा है, तो दोनों की कार्यक्षमता विकसित होगी और दोनों जीवन में तरक्की करेंगे.
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लड़का और लड़की के वश्य के समान होने पर या मिलने पर इनकी होने वाली संतान भाग्यशाली होगी.
लड़का और लड़की के तारा मिलान के समान या मिलने पर विवाह के बाद दोनों के भाग्य में वृद्धि होती है.
लड़का और लड़की के योनि मिलान के समान या मिलने पर दोनों के बीच मानसिक और शरीरिक संबंध एक बने रहते हैं.
लड़का और लड़की के गृह मैत्री मिलान के समान या मिलने पर दोनों की गृहस्थी सुखद बनी रहती है.
लड़का और लड़की के गण मिलान के समान या मिलने पर दोनों के व्यवहार और आपसी समझ में समानता बनी रहती है.
लड़का और लड़की के भकूट मिलान के समान या मिलने पर दोनों के बीच प्रेम और सद्भाव बना रहता है.
लड़का और लड़की के नाड़ी मिलान के समान या मिलने पर दंपती को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है. जिससे दोनों की संतानें हष्ठ पुष्ट पैदा होती हैं.
यही कारण है कि एक अच्छे और स्वस्थ रिश्ते की पहचान के लिए विवाह से पहले दोनों की कुंडली का मिलान आवश्यक है. जिस तरह से मांगलिक दोष का उपाय आदि करने के बाद ही विवाह किया जाता है. ठीक उसी तरह से, कुंडली में मौजूद अन्य ग्रहों की स्थिति के आधार पर भी विवाह जैसे रिश्ते जोड़े जाने चाहिए. अन्यथा भविष्य में अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.