Mahamritunjay Mantra Fact: भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से मिलती है भयंकर रोगों से मुक्ति, जानिए इसके अन्य फायदों के बारे में...
भगवान शिव जिन्हें हम महादेव, देवों के देव के नाम से भी बुलाते है. इन्ही महादेव का एक सबसे शक्तिशाली मंत्र है जिस मंत्र की कृपा पाने के लिए सभी भक्त अपनी सच्ची श्रद्धा और आस्था से उसका जाप करते है, यह मंत्र कोई और भी महामृतुंजय मंत्र है.
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्”
बाबा भोलेनाथ के इस मंत्र के उच्चारण मात्र से ही भक्तों के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होने लगती है. अब आपको इस मंत्र की शक्ति से अवगत कराते है.
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के फायदे
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंत्र को भगवान भोलेनाथ ने स्वयं ऋषि मार्केंडेय को दिया था. जब ऋषि मार्केंडेय को यमराज से अपनी जान की रक्षा करनी थी तब उस समय ऋषि भगवान शिव की शरण में चले गए और भगवान शिव से प्राथना करने लगे की वह उनके प्राणों की रक्षा करें, तो उस समय भगवान शिव ने ऋषि मार्केंडेय को यह मंत्र यमराज से रक्षा के लिए दिया था.
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार गंभीर रुप से बीमार व्यक्ति या फिर मृत्यु के करीब पहुंचे लोगों को भी जीवन दान देने का सामर्थ्य है महामृत्युंजय मंत्र में.
प्राचीन काल से आज के समय तक ज्योतिषों के अनुसार यदि आपको अपनी आयु अधिक करनी है तो आप महामृतुंजय मंत्र का कम से कम सवा लाख बार जाप करें. ऐसी भी मान्यता है कि यह मंत्र शीघ्र फल देता है. इसी वज़ह से ज्योतिष और पंडित बीमार लोगों को इसका जाप करने की सलाह देते हैं.
चलिए अब आपको इस मंत्र के फायदों से अवगत कराते है.
शास्त्रों और कुंडली के अनुसार यदि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में सर्पदोष है तो उस व्यक्ति को महामृतुंजय मंत्र का जाप कर्ण चाहिए. यह मंत्र उसके लिए अत्यंत लाभकारी होता है.
यदि सूर्य आदि ग्रहों के कारण किसी भी प्रकार का अनिष्ट का भय हो या मारकेश आदि के कारण किसी प्रकार के भयंकर रोग का योग बन रहा हो तो इससे छुटकारा पाने में महामृत्युंजय मंत्र मदद करता है. अगर चंद्र-राहु युति के फलस्वरूप उत्पन्न ग्रहण दोष हो तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से कुछ लाभ हो सकता है.
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