Lucky Gemology: इन राशियों के लिए बेहद लकी है गोमेद रत्न, धारण करने मात्र से हल हो जाती हैं सारी परेशानियां
Lucky Gemology: जो लोग ज्योतिष शास्त्र में विश्वास रखते हैं, वे लोग निसंदेह रत्न शास्त्र में भी विश्वास रखते हैं. रत्न शास्त्र ज्योतिष का ही एक विशेष अंग है. जिसमें रत्नों का विशेष महत्व बताया गया है. इस शास्त्र में राशि के अनुसार रत्नों को विभाजित किया गया है.
रत्न शास्त्र के अनुसार रत्नों में अत्यंत शक्ति होती है. यदि व्यक्ति सही रत्न पहने तो वह रंक से राजा भी बन सकता है. व्यक्ति की किस्मत पर पलटने में ये रत्न सक्षम होते हैं. लेकिन इसके लिए महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति अपने नक्षत्र व ग्रहों के हिसाब से सही रत्न धारण करें.
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यूं तो रत्न शास्त्र में 84 उपरत्न व 9 रत्नों का वर्णन प्राप्त होता है. जो किसी ना किसी ग्रह से संबंध रखते हैं. रत्नों में से एक रत्न का नाम है गोमेद रत्न. जो देखने में बेहद सुंदर होता है. कई लोग इसे गहने के रूप में भी पहनते हैं. बाजार में कई तरीके के गोमेद रत्न मिलते हैं. एक सही गोमेद रत्न की पहचान किस प्रकार की जा सकती है. आइए आगे जानते हैं.
कहां मिलता है गोमेद रत्न
गोमेद रत्न आमतौर पर श्रीलंका और म्यांमार की खदानों में प्राप्त किया जाता है. म्यांमार से प्राप्त गोमेद भूरा होता है और गोमूत्र के रंग के जैसा होता है. इसके विपरीत श्रीलंका में पाया जाने वाला गोमेद सिलोनी गोमेद कहलाता है. श्रीलंका में जो गोमेद रत्न पाया जाता है वह कत्थई रंग का होता है. इसके अतिरिक्त गोमेद रत्न भारत में भी पाया जाता है. जिसमें हिमालय, कश्मीर, हजारीबाग और दक्षिण भारत का हिस्सा शामिल है.
इस प्रकार कर सकते हैं गोमेद रत्न की सही पहचान
यदि आप गोमेद रत्न की पहचान करना चाहते हैं तो 24 घंटे के लिए इसे गोमूत्र में डाल दें. यदि गोमेद रत्न असली होगा तो गौ मूत्र का रंग बदल देगा और अगर यह नकली होगा तो गौ मूत्र का रंग नहीं बदलेगा.
इसके अतिरिक्त आप गोमेद रत्न को दूध में डालकर भी इसकी असल की पहचान कर सकते हैं. दूध में डालने पर अगर दूध का रंग गोमूत्र की तरह दिखने लगे, इसका अर्थ है कि गोमेद रत्न असली है.
इसके अलावा यदि आप गोमेद रत्न को लकड़ी के बुरादे से साफ करते हैं इसकी चमक और अधिक निखर कर सामने आती है. अगर यह रत्न नकली होगा तो इसकी चमक निखरने की जगह गायब हो जाएगी.
किस राशि के लोग धारण कर सकते हैं गोमेद रत्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृष, मिथुन, तुला, कुंभ लग्न वाली राशियां गोमेद रत्न धारण कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त यदि राहु आपकी कुंडली में उच्च रूप से विराजमान है तो आप गोमेद रत्न धारण कर सकते हैं. वहीं यदि राहु जन्म कुंडली में 1,4,7,10 केंद्र में से किसी एक भाग में हो तो गोमेद पहनने से आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा. यदि आपकी राशि में राहु छठे, आठवें या बारहवें भाव में है तो इस रत्न को सोच समझकर धारण करें. क्योंकि ऐसी स्थिति में यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है.