Mahashivratri 2022: शिवजी के ये भजन सुनने मात्र से दूर हो जाएंगे सारे कष्ट, श्रृद्धापूर्वक कीजिए इनका गान...
Maha Shivratri 2022: हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 2022 में 1 मार्च को मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि का पर्व देवों के देंव महादेव का मुख्य पर्व है. इस दिन शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत अनुष्ठान रखते हैं तथा शिव पार्वती विवाह का आयोजन करते हैं.
महाशिवरात्रि जो कि शिव के धरती पर अवतरण के रूप में मनाई जाती है, शिव की रात्रि हैं. यानि महाशिवरात्रि के पर्व पर दिन-रात भगवान भोलेनाथ के भजनों पर श्रद्धालु मग्न रहते हैं. इस दिन भजन कीर्तन में शिव पार्वती विवाह से जुड़े भजनों का गान किया जाता है. अतः आज हम आपके लिए कुछ शिव जी के विशेष भजन लेकर आए हैं, जो आपके कानों में शिव महिमा का रस घोल देंगे.
भजन-1
आज भोलेनाथ की शादी है, आज भोलेनाथ की शादी हैं,
नाथ की शादी है, मेरे बैद्यनाथ की शादी है,
नाचे कांवरिया शिवरात्रि में, आई बाराती है,
आज भोलेनाथ की शादी हैं, आज भोलेनाथ की शादी हैं.
दूल्हे राजा है निराला, गले में नाग माला,
जटा से बहती गंगा, तन पे सोहे मृगछाला,
अंग में भस्म लगाए, कर में त्रिशूल उठाए,
माथे पे चंदा सोहे, हाथ में डमरू सजाए,
हो ओ शिवशंकर की बैल सवारी, मन को लुभाती है,
आज भोलेनाथ की शादी हैं, आज भोलेनाथ की शादी हैं.
ब्रम्हा विष्णु है आए, संग देवों को लाए,
स्वर्ग धरती पे आया, भक्त गण झूमे गाए,
सांप बिच्छू भी आए, नाच बेताल दिखाए,
भोले की लीला न्यारी, भुत प्रेतों को लाए,
हो ओ शिव के बाराती, अजब अनोखे घोड़े हाथी है,
आज भोलेनाथ की शादी हैं, आज भोलेनाथ की शादी हैं.
गौरी मैया है दुल्हनिया, सजी देवघर की गलियां,
बाजे ढोल मजीरा बाबा धाम में, बोलो बम बम,
हाथ वरमाला लेके, गौरी मैया शर्माए,
माला भोले बाबा के, गले में डाल के,
हो ओ पुष्प की वर्षा होने लगी, जग खुशियां मनाती है,
आज भोलेनाथ की शादी हैं, आज भोलेनाथ की शादी हैं.
भजन-2
दूल्हा बनकर के, शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के, आना गजब हो गया,
क्या अजब शान थी, क्या गजब रूप था,
शिव का दूल्हा बनाना, गजब हो गया,
दूल्हा बनकर के, शंकर चले जिस घड़ी.
धरती अम्बर हिला, शिव का डमरू बजा,
देवता सब चले, अपना वाहन सजा,
भुत प्रेतों के संग आए शुक्र शनि,
शिव का घोतक रचाना, गजब हो गया,
दुल्हा बनकर के, शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के, आना गजब हो गया,
शंकर चले जिस घड़ी.
ब्रम्हा विष्णु जी देखो, बाराती बने,
शिव के ब्याह में, हिमाचल की नगरी चले,
धीरे धीरे लगे साज बजने सभी,
शिव का डमरू बजाना, गजब हो गया,
दुल्हा बनकर के, शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के, आना गजब हो गया,
शंकर चले जिस घड़ी.
बैल पे बैठके, राख तन पे मले,
काँधे झोला बड़ा, नाग विषधर गले,
दूल्हा बूढ़ा सा जोगी है, लम्बी जटा,
चंदा मस्तक सजाना, गजब हो गया,
दुल्हा बनकर के, शंकर चले जिस घड़ी,
घर हिमाचल के, आना गजब हो गया,
शंकर चले जिस घड़ी.
भजन-3
अजब अनोखा करके श्रृंगार, होकर नंदी पर वो सवार,
गौरा बिहाने आए है भोलेनाथ जी, गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी.
देवगण बाराती, ब्रम्हा विष्णु भी है साथ आए,
देवियाँ भी मिलकर, शोभा बारात की सब बढ़ाए,
ऋषि मुनियों संग नारद, महिमा गाते है,
भोलेनाथ की, गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी.
शुक्र और शनिचर, अपनी लीला अलग ही दिखाए,
भुत प्रेत और चुड़ेले, देखो हुडदंग कैसा मचाए,
कोई नाचे कोई कूदे, कोई दिखलाता है,
लम्बे दांत जी, गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी.
चली बारात शिव की, आई राजा हिमाचल के द्वारे,
भागे है लोग डरकर, बंद कर ली है घर की किवाड़े,
नगरी में शोर हुआ, घर घर चर्चा है,
बारात का, गौरा बिहाने आए हैं भोलेनाथ जी.
भजन-4
चली बारात गौरा जी के द्वारे, इस दूल्हे पे जग है दीवाना, दीवाना.
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे, चली बारात गौरा जी के द्वारे.
ना है रत्न आभूषण तन पे, बलिहारी जाऊं भोलेपन पे,
चमके माथे पर चंदा, आए शुभ दिन ये शिव की लगन के ।
डाले सर्पो के हार, कैसा अजब श्रृंगार, ऐसा बन्ना किसी ने देखा ना, देखा ना,
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे, चली बारात गौरा जी के द्वारे.
लम्बी लम्बी जटाओ का सेहरा, कैसा प्यारा विवाह का नजारा,
ध्वनि शंख नाद ही गूंजे, संग चले गणो का पहरा ।
होके नंदी पे सवार, चले हिमाचल के द्वार, हुआ रोशन ये तब ही जग सारा,
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे, चली बारात गौरा जी के द्वारे.
चले होके विदा जो बाराती, गौरा को माँ समझाती,
जा बेटी सुखी तू रहना, रहे अमर सुहाग की जोड़ी ।
है बाराती बेशुमार, दिए सबको उपहार, झूमे गण सारे पाके नजराना,
दूल्हा बने भोलेंनाथ जी हमारे, चली बारात गौरा जी के द्वारे.
भजन-5
मैंने ढोलक मंगाई भोले के लिए,
वो तो डमरू से प्यार कर बैठे,
वो तो गोरा से प्यार कर बैठे.
मैंने गाडी मंगाई भोले के लिए,
वो तो नंदी से प्यार कर बैठे,
वो तो गोरा से प्यार कर बैठे.
मैंने माला मंगाई भोले के लिए,
वो तो नागों से प्यार कर बैठे,
वो तो गोरा से प्यार कर बैठे.
इस प्रकार, महाशिवरात्रि के दिन को धरती पर भगवान भोलेनाथ के अवतरण का मंगल सूचक माना गया है. इस दिन शिव शंकर की पूजा करने वाले का जीवन सुखदायक रहता है.