Shiv ke avtar: महादेव ने भी भगवान विष्णु की तरह लिए हैं कई सारे अवतार, जानें उनकी महत्ता के बारे में..

 
Shiv ke avtar: महादेव ने भी भगवान विष्णु की तरह लिए हैं कई सारे अवतार, जानें उनकी महत्ता के बारे में..

Shiv ke avtar: हिंदू धर्म में भगवान शिव को त्रिदेवों में सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. यही कारण है कि भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है. भगवान शिव जिनको सृष्टि का संहारकर्ता कहा जाता है, सोमवार के दिन की विधि विधान से पूजा अर्चना का प्रावधान है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान विष्णु की तरह भगवान शिव ने भी कई सारे अवतार लिए हैं, जिनका प्रत्येक का अपना विशेष महत्व, हमारे आज के इस लेख में हम आपको भगवान शिव के अवतारों के बारे में बताने वाले हैं, जिनको जानकर आपको भगवान शिव की महानता के बारे में पता लगेगा, तो चलिए जानते हैं…

Shiv ke avtar: महादेव ने भी भगवान विष्णु की तरह लिए हैं कई सारे अवतार, जानें उनकी महत्ता के बारे में..
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भगवान शिव के अवतारों के बारे में

1. महादेव को जब सती के देह त्याग देने का समाचार मिला, तब महादेव ने क्रोध में आकर अपनी जटा को उखेड़कर उसे एक पहाड़ी पर पटक दिया था.

इस जटा के पूर्व भाग से ही भगवान शंकर ने महाभयंकर वीरभद्र का अवतार लिया. जिसने बाद में राजा दक्ष का सिर काट कर उन्हें मृत्यु दी थी.

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2. भगवान शिव का नंदी अवतार हर व्यक्ति को कर्म करने की सीख देता है, भगवान शिव का नंदी अवतार भी उनके भक्त की भक्ति का प्रतिबिंब है.

3. भगवान शिव का पिप्पलाद अवतार भी बेहद प्रमुख माना गया है, कहा जाता है कि भगवान शनि द्वारा दिए जा रहे कष्टों में यदि आप महादेव के पिप्पलाद अवतार को पूज लेते हैं, तो आपको अवश्य ही शनि की पीड़ा से छुटकारा मिल जाता है.

Shiv ke avtar: महादेव ने भी भगवान विष्णु की तरह लिए हैं कई सारे अवतार, जानें उनकी महत्ता के बारे में..
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4. महाभारत में गुरु द्रोण के पुत्र अश्वत्थामा भी महादेव का ही अवतार हैं, जो कि आज भी अजर अमर है.

5. महादेव के अवतार के तौर पर भैरव को भी माना जाता है. जिन्होंने ब्रह्माजी के पांचवे सिर को काटा था, जिसके बाद उन पर ब्रह्म दोष का पाप लगा था और तब से उन्हें काशी में भैरव बाबा के नाम से पूजा जाने लगा.

6. ऋषियों में सर्वश्रेष्ठ ऋषि दुर्वासा भी महादेव का ही अवतार हैं, जो कि बेहद क्रोधित स्वभाव के थे. ऋषि दुर्वासा के श्राप की वजह से ही भगवान राम के भाई लक्ष्मण जी ने शरीर त्यागा था, और इन्हीं के श्राप से समुद्र मंथन करना पड़ा था.

7. महादेव ने भगवान विष्णु के पुत्रों को मारने के लिए वृषभ का अवतार लिया था, भगवान विष्णु के पुत्र सृष्टि से लेकर स्वर्ग लोक तक बेहद उत्पात मचा रहे थे, जिन्हें सबक सिखाने के लिए महादेव ने वृषभ का अवतार लिया था.

8. भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए नृसिंह का अवतार लिया था, तब उनकी क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव ने शरभावतार लिया था. जिसे भगवान शिव के आठवें अवतार का स्वरूप माना जाता है.

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9. एक बार जब विश्वनार नाम के ऋषि और उनकी पत्नी शुचिष्मति शिव की तपस्या करके बिल्कुल उनके ही जैसा पुत्र पाने की कामना की थी, तब भगवान शिव के आशीर्वाद से उन दोनों को एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम ब्रह्मा जी ने गृहपति रखा.

10. भगवान शंकर का ही रूप भगवान श्री हनुमान जी को कहा जाता है. जो कि भगवान श्री राम के भक्त थे और कलियुग मे प्रमुख देवता के तौर पर पूजे जाते हैं.

इसके अलावा शिव जी ने महाकाल, तारा, भुवनेश, षोडश, छिन्नमस्तक गिरिजा, धूम्रवान, बगलामुख, मातंग, कमल नामक अवतार हैं, जोकि तंत्रशास्त्र से संबंधित हैं. शिव जी के रुद्र अवतारों में कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शम्भू, चण्ड, भव अवतार प्रमुख हैं.

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इसके अलावा शिव के महेश, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, अवधूतेश्वर, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, ब्रह्मचारी, सुनटनतर्क, द्विज, किरात, नतेश्वर आदि अवतार भी प्रमुख है.

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