Mahashivratri 2023: इस आरती और मंत्रों का जाप किए बिना, अधूरी मानी जाती है शिवरात्रि की पूजा
Mahashivratri 2023: हिंदू धर्म में शिव जी की रात्रि के तौर पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. ऐसे में यदि आप भी शिव जी की इस दिन विधि-विधान से पूजा करते हैं, तो आपको जरूर ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. महादेव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन आपको जरूर ही शिव जी की आरती और मंत्रों का जाप करना चाहिए, अन्यथा इसके बिना आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है, इसके साथ ही भगवान शिव भी आप पर अपनी कृपा नहीं बनाए रखते हैं. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको भगवान शिव की आरती और मंत्रों के बारे में बताने वाले हैं, जिनका आपको आज के दिन जाप और गान अवश्य करना है.
शिव जी की आरती
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
शिव जी के मंत्र
'ॐ नम: शिवाय'।
ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ।'
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ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ'।