Mokshda ekadashi 2021: जानिए कैसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, व्रत, तिथि और शुभ मुहूर्त

 
Mokshda ekadashi 2021: जानिए कैसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, व्रत, तिथि और शुभ मुहूर्त

Mokshda ekadashi 2021: साल भर में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. जिनमें से मोक्षदा एकादशी का भी विशेष महत्व है. यह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है. जोकि इस बार 14 दिसंबर को पड़ने वाली है. मोक्षदा एकादशी से तात्पर्य मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी से है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत काल में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, इसलिए इस एकादशी को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.

माना जाता है कि जो भक्त इस दिन भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा करता है. उसे श्री हरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही वह जन्म मरण के बंधन से भी छुटकारा पा लेता है. मोक्षदा एकादशी (Mokshda ekadashi 2021) साल भर में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. जिनमें से मोक्षदा एकादशी का भी विशेष महत्व है. यह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है. जोकि इस बार 14 दिसंबर को पड़ने वाली है. मोक्षदा एकादशी से तात्पर्य मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी से है.

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत काल में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, इसलिए इस एकादशी को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. के दिन व्रत धारण करने वाले व्यक्तियों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है और वह काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि से हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है.

मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है. ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से मोक्षदा एकादशी पर व्रत की विधि और निश्चित फल की प्राप्ति के उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे करने पर भगवान विष्णु आपसे प्रसन्न हो सकते हैं.

मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

आरंभ: 13 दिसंबर 2021 (रात 9 बजकर 32 मिनट)
समाप्त: 14 दिसंबर 2021 (रात 11 बजकर 35 मिनट)

व्रत पारण का समय: 15 दिसंबर 2021 (प्रात: 7 बजकर 5 मिनट से लेकर 9 बजकर 9 मिनट)

इस दिन क्या करें क्या नहीं?

  1. मोक्षदा एकादशी से एक दो दिन पहले से ही आपको तामसी भोजन का त्याग कर देना चाहिए.
    आपको प्याज, मसूर की दाल, सेमफली, लहसुन, बैंगन, जौ इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए.
  2. इस दिन आपको गलती से भी पेड़-पौधे से फूल या पत्ती तोड़ने से बचना चाहिए. साथ ही दाढ़ी बनाने, नाखून और बाल कटवाने से बचना चाहिए.
  3. एकादशी वाले दिन चावल का सेवन करने से बचना चाहिए. मान्यता है ऐसा करने से आपको अगला जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में मिलता है.
  4. इस दिन किसी से भी लड़ाई झगड़ा इत्यादि करने से बचना चाहिए. वरना भगवान विष्णु आपसे नाराज हो सकते हैं.
  5. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए. तभी आपको भगवान हरि और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
  6. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी का पत्ता अवश्य चढ़ाएं. कुछ लोग बेल की पत्तियां भी पूजा में चढ़ाते हैं.
  7. एकादशी वाले दिन व्रत धारण करने वाले व्यक्ति को मोक्षदा एकादशी की कथा का पाठ अवश्य करना या सुनना चाहिए.
  8. एकादशी व्रत के अगले दिन आपको दान पुण्य अवश्य करना चाहिए. साथ ही एकादशी वाले दिन किसी और व्यक्ति द्वारा दिया गया भोजन ग्रहण ना करें.
  9. आज के दिन विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमद् भागवत गीता और मुकुंदष्टम आदि का पाठ करना अच्छा माना जाता है.
  10. मोक्षदा एकादशी के दिन आपको भगवान श्री विष्णु, माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा पूर्ण भक्ति और श्रद्धा के साथ करनी चाहिए. तभी आपको भगवान श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है.

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