Monday fast: हिंदू धर्म में सोलह सोमवारों के व्रत का क्या है महत्व?
हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है. इस दिन व्रत करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म के अनुसार कुंवारी लड़कियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण होता है सोलह सोमवार का व्रत. इस व्रत को करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है. विवाहित महिलाओं द्वारा इस व्रत को करने पर घर में सुख एवं समृधि आती है. पुरुषों द्वारा इस व्रत को करने से सामाजिक प्रतिष्ठा, आर्थिक लाभ एवं वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है. सोलह सोमवार व्रत करने से मन की एकाग्रता में वृद्धि होती है. परीक्षा – प्रतियोगिता में सफलता मिलती है. सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से मनसा, वाचा,कर्मणा तीनो प्रकार से हुए पापो से मुक्ति मिलती है.
सोलह सोमवारों के व्रत का है महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने स्वयं नारद मुनि को इस व्रत की कथा सुनाई थी. महादेव ने बताया था कि उनकी दाहिनी आंख में सूर्य, बाएं आंख में चंद्रमा और मध्य आंख में अग्नि का वास है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य की राशि कर्क होती है और चंद्रमा की राशि सिंह होती है. अतः सावन महा का समय एक ऐसा समय होता है जब सूर्य की गति कर्क से सिंह राशि की ओर परिवर्तित होती है. इस समय में पृथ्वी पर अधिक वर्ष होती है, इस समयावधि को हम मानसून सत्र के तौर पर जानते है. इस समय में धरती पर चारों ओर हरियाली ही हरियाली होती है.
इसी महा में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से और उनका अभिषेक एवं व्रत करने से वह अति प्रसन्न होते है. चूँकि ऐसा संयोग पृथ्वी पर सावन के महीने में होता है. इसी कारण शिव भक्त अपने आराध्य शिव जी से मनचाहा वर पाने के लिए व्रत एवं जलाभिषेक की विधि द्वारा पूजन करते हैं. सावन के महीने में सूर्य का कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करने के दौरान पृथ्वी पर वाष्पीकरण ज्यादा होती है. जिसके कारण वर्षा अधिक होने पर अनेक प्रकार की वनस्पतियों से पृथ्वी समृद्ध हो जाती है. जिससे सभी प्रकार के जीव -जंतु का पालन पोषण होता है. गर्मी से राहत मिलती है एवं चारो और हरियाली छा जाती है.
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