Navratra 2021: मां महागौरी का स्वरूप एवं पूजा विधि
मां महागौरी की आराधना नवरात्रि के आठवें दिन होती है. माता महागौरी की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने मात्र से ही व्यक्ति के जीवन में होने वाले कष्ट नष्ट होने लगते हैं. और जीवन सुखमय हो जाता है. जिस व्यक्ति पर महागौरी माता की कृपा होती है. वह कभी दुखी व निर्धन नहीं रह सकता. इसीलिए भक्तों को मां गौरी की आराधना पूरे विधि विधान से करनी चाहिए. जिससे माता प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद आपके ऊपर सदैव बनाएं रखें. इस दिन कुछ लोग कन्या भोज भी कराते हैं. मान्यता है कि दुर्गाष्टमी यानी महागौरी के पूजा वाले दिन अपने सुहाग की रक्षा हेतु. सुहागिन महिलाएं माता को चुनरी भेंट करती हैं.
मां महागौरी का स्वरूप
माता महागौरी के वस्त्र एवं आभूषण श्वेत रंग के हैं. यही कारण है कि माता महागौरी को श्वेताम्बरधरा के नाम से भी जाना जाता है. माता की उम्र 8 वर्ष बताई जाती है. और वह चार भुजाधारी हैं. मां अपने एक हाथ में शस्त्र के रूप में त्रिशूल धारण किए हुए हैं. दूसरा हाथ अभय मुद्रा में हैं. तीसरे हाथ में डमरू सुंदरता बढ़ा रहा है. और चौथा हाथ वर मुद्रा में है.
पूजा विधि
सर्वप्रथम ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें. और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. कोशिश करें कि वस्त्र सफ़ेद रंग के हों. क्यों कि मां को सफेद रंग बेहद प्रिय है. उसके बाद व्रत रखने का संकल्प करें. और अपने घर के पूजा स्थल में लकड़ी की चौकी या किसी तख़्ती पर मां माता महागौरी की प्रतिमा स्थापित करें. ध्यान रखें कि प्रतिमा स्थापित करने से पूर्व तख़्ती या चौकी पर गंगाजल अवश्य छिड़क लें. और सफ़ेद रंग का वस्त्र बिछा लें. अपने दाहिने हाथ में सफ़ेद पुष्प लेकर मां का सच्चे मन से ध्यान करें. इसके बाद प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित करें. और माता को नैवेद्य, रोली, कुमकुम, फल, फूल इत्यादि अर्पित करें. फिर माता की आरती करें. इस दिन कन्याभोज कराना शुभ माना जाता है. यदि संभव हो तो नौ कन्याओं को भोजन कराकर उनका भी आशीर्वाद प्राप्त करें.
मां महागौरी का व्रत सभी श्रद्धलुओं को पूरे विधि विधान से रखना चाहिए. इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी.
यह भी पढ़ें:- Navratra 2021: मां कालरात्रि का स्वरूप एवं पूजा विधि