Nirjala EKadashi 2022: साल भर में पड़ने वाली सभी एकादशियों में ये एकादशी है काफी विशेष, जानिए महत्व औऱ शुभ मुहूर्त…

 
Nirjala EKadashi 2022: साल भर में पड़ने वाली सभी एकादशियों में ये एकादशी है काफी विशेष, जानिए महत्व औऱ शुभ मुहूर्त…

Nirjala EKadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि के लिए रखा जाता है. एकादशी पर व्रत का विधि विधान से पालन करने पर आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही आपको भगवान विष्णु की विशेष कृपा भी मिलती है. वैसे तो साल भर में कुल 24 एकादशियां यानि 1 महीने में 2 एकादशी पड़ती है, जोकि हर महीने के 11वें पक्ष में पड़ती है. ऐसे में ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सबमें काफी महत्वपूर्ण बताया गया है. जिसे निर्जला एकादशी, भीमसेनी एकादशी औऱ पांडव एकादशी के नाम से जाना जाता है.

ये भी पढ़े:- एकादशी का व्रत क्यों रखा जाता है… जानिए महत्व

इस एकादशी पर व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति बिना अन्न औऱ जल ग्रहण किए रहते हैं. साथ ही भगवान विष्णु निर्जला एकादशी के बाद करीब दो महीने तक चीर निद्रा में चले जाते हैं. ऐसे में इस दिन आप यदि पुण्य कमाना चाहते हैं, तो निर्जला एकादशी के दिन व्रत का विधि विधान से पालन जरूर करें. हमारे आज के इस लेख में हम आपको निर्जला एकादशी का महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में बताने वाले हैं. ताकि इस दिन के महत्व को जानकर आप इस दिन लाभ पाने के लिए श्री हरि की उपासना जरूर करें. तो चलिए जानते हैं…

WhatsApp Group Join Now
https://www.youtube.com/watch?v=6f6SqNwGXiI

निर्जला एकादशी पर पूजन का शुभ मुहूर्त

10 जून को सुबह 7:25 बजे से
11 जून को सुबह 5:45 बजे तक।।

Nirjala EKadashi 2022: साल भर में पड़ने वाली सभी एकादशियों में ये एकादशी है काफी विशेष, जानिए महत्व औऱ शुभ मुहूर्त…

निर्जला एकादशी का महत्व

निर्जला एकादशी अन्य सभी एकादशियों में से अलग इसलिए है, क्योंकि इस दिन व्रत रखते समय आपको पानी पीने तक की अनुमति नहीं होती है. निर्जला एकादशी के दिन बिना जल पिए उपवास का पालन किया जाता है. धार्मिक स्त्रोतों के मुताबिक, महाभारत काल में निर्जला एकादशी का व्रत पांडव भीम ने रखा था, क्योंकि उनका अपनी भूख पर बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं था. जिसके चलते ही इस दिन भूखे प्यासे व्रत रखा जाता है. यही कारण है कि इस एकादशी को भीमसेनी और पांडव एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.

Nirjala EKadashi 2022: साल भर में पड़ने वाली सभी एकादशियों में ये एकादशी है काफी विशेष, जानिए महत्व औऱ शुभ मुहूर्त…

जिस दिन व्रत रखने पर भगवान विष्णु आपको जन्म मरण के बंधन से सदा के लिए छुटकारा दिलवा देते हैं, साथ ही मात्र निर्जला एकादशी का व्रत रखने पर आपको शेष 23 एकादशियों के व्रत का लाभ मिलता है. इतना ही नहीं, निर्जला एकादशी पर व्रत रखने से आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है. और तीर्थ के बराबर पुण्य मिलता है. निर्जला एकादशी पर व्रत रखने से व्यक्ति को अपने पापों से भी सदा के लिए छुटकारा मिल जाता है.

Tags

Share this story