पाण्डव भ्राता सहदेव ने इस बलशाली का वध किया था?

 
पाण्डव भ्राता सहदेव ने इस बलशाली का वध किया था?

पाण्डव भ्राता सहदेव पांच पांडवो में से एक थे. माता कुंती की 4 संताने थीं. और माद्री की 2 संतानें. कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे. किन्तु यह बात बस कुछ ही लोगों को पता थी. अगर देखा जाए तो कर्ण इन सबके ज्येष्ठ भ्राता थे. किन्तु उनका जन्म विवाह से पूर्व ही माता कुंती से हुआ था. इसीलिए उन्होंने समाज के डर से कर्ण को नदी में प्रवाहित कर दिया था. दरसल कुंती को सूर्यदेव द्वारा सन्तान प्राप्ति के मंत्र वरदान के रूप में बताए थे. सहदेव और नकुल दोनों माद्री की संतानें थी. नकुल और सहदेव के मामा का नाम शल्य था. जोकि मद्रदेश के राजा व श्री राम वंशज थे. किन्तु शल्य ने कौरवों के पक्ष से युद्ध किया था.

जब सहदेव और नकुल का जन्म हुआ था तो एक आकाशवाणी हुई थी कि शक्ति और सुंदरता में यह जुड़वा भाई अश्विनी से भी श्रेष्ठ थे. कहा जाता है कि यह दोनों अश्विनी कुमार के औरस व पाण्डु के क्षेत्रज पुत्र थे. सहदेव भी अपने पिता और दूसरे भाइयों की तरह पशुपालन और चिकित्सा में श्रेष्ठ थे. उन्होंने अपने अज्ञातवास के समय राजा विराट के यहां उनके पशुओं की देखरेख का काम किया था. महाभारत के युद्ध में सहदेव के रथ पर हंस का ध्वज लगा हुआ था. सहदेव को सर्वश्रेष्ठ रथ योद्धा माना जाता है. इन्होंने महाभारत के भीषण युद्ध में अपना अतुलनीय योगदान दिया. सहदेव ने गुरु द्रोणाचार्य से धर्म इत्यादि की विद्या के साथ साथ ज्योतिष का भी ज्ञान प्राप्त किया था.

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पाण्डव भ्राता सहदेव ने किसका वध किया

जब कौरवों की सभा में चौसर हुआ था तो पांडव अपना सब कुछ हार गए थे. यहां तक कि वह अपनी पत्नी द्रोपदी को भी हार चुके थे. तब दुर्योधन द्वारा द्रौपदी का भरी सभा में बहुत उपहास किया गया. तो प्रत्येक पाण्डव ने किसी न किसी कौरव व उनके साथी को मारने की प्रतिज्ञा की थी. जैसे भीम ने दुःशासन का वध करने को कहा था. और सहदेव ने कौरवों के मामा शकुनि का वध करने की प्रतिज्ञा की थी. क्योंकि कौरवों की ओर से शकुनि ही चौसर का पासा फेंक रहा था. और उन्होंने चौसर के खेल में बेईमानी करके पाण्डवों को हराया था. इसीलिए सहदेव ने कुरुक्षेत्र के रण में शकुनि का वध किया था.

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