Patanjali: जानिए कौन है महर्षि पतंजलि जिनके नाम पर है रामदेव की कंपनी पतंजलि का नाम?
योगगुरु बाबा रामदेव आज किसी परिचय के मोहताज नही है. बाबा रामदेव ने अपने योग के माध्यम से विश्व भर में ख्याति हासिल की है. मगर क्या आप उनकी कंपनी पतंजलि से जुड़ी इस बात को जानते है? क्या आपको पता है कि पतंजलि का नाम जिस महर्षि के नाम पर है वह महर्षि पतंजलि कौन है. चलिए आज हम आपको बताते है महर्षि पतंजलि कौन थे?
यह है महर्षि पतंजलि
महर्षि पतंजलि का जन्म दूसरी शताब्दी का माना जाता है. इनके जन्म को लेकर आज तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर महर्षि पतंजलि का जन्म कहा हुआ. कुछ लोगों के अनुसार महर्षि पतंजलि का जन्म काशी में हुआ था तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि वह गोंडा उत्तर प्रदेश में जन्मे थे जिसके बाद वह काशी में जा कर बस गए थे. इनकी माता का नाम गोणिका था तथा इनके पिता के विषय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. पतंजलि के जन्म के विषय में ऐसी मान्यता है कि स्वयं अपनी माता के अंजुली के जल के सहारे धरती पर नाग से बालक के रूप में प्रकट हुए थे. माता गोणिका के अंजुली से पतन होने के कारण उन्होंने इनका नाम पतंजलि रखा. इनको शेषनाग का अवतार माना जाता है.
इनका जन्म 200 ई. माना जाता है. प्राचीन काल की कथाओं के अनुसार राजा पुष्यमित्र शुंग के शासन काल में 195 ई. से 142 ई. पूर्व तक यह थे. महर्षि पतंजलि एक प्रख्यात चिकित्सक और रसायन शास्त्र के आचार्य थे. रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अभ्रक, धातुयोग और लौह्शास्त्र का परिचय कराने का श्रेय पतंजलि को जाता है. राजा भोज ने महर्षि पतंजलि को तन के साथ हीं मन के चिकित्सक की उपाधि से विभूषित किया था.
इनको आयुर्वैदिक ग्रन्थ चरक संहिता का जनक माना जाता है. इनको योगशास्त्र के जन्मदाता की उपाधि भी दी जाती हैं. जो हिन्दू धर्म के छह दर्शनों में से एक है. इन्होंने योग के 195 सूत्रों को स्थापित किया. जो योग दर्शन के आधार स्तंभ हैं. इनमें से वर्तमान समय में केवल आसन, प्राणायाम औए ध्यान हीं प्रचलन में हैं. इनके प्रयासों के कारण हीं योगशास्त्र किसी एक धर्म का न होकर सभी धर्म और जाति के शास्त्र के रूप में प्रचलित है.
यह भी पढ़ें: Shiv Temple Fact: केदारनाथ से रामेश्वरम तक यह सात मंदिर है एक सीधी रेखा में, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य