Phulera Dooj 2023: इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से क्या होता है लाभ? जानें…
Phulera Dooj 2023: हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है. इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करता है, उसको जीवन में प्रेम की प्राप्ति होती है. ऐसे में आज 21 फरवरी के दिन फुलेरा दूज मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, आज के दिन राधा-कृष्ण की आराधना करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. हमारे आज के इस लेख में हम आपको फुलेरा दूज के दिन पूजा विधि और इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में बताने वाले हैं, कि कैसे आज के दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने मात्र से व्यक्ति को जीवन में प्रेम की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को वैवहिक जीवन का सुख मिलता है, तो चलिए जानते है…
फुलेरा दूज के दिन कैसे करें राधा-कृष्ण की उपासना?
1. आज के दिन आपको गोधूलि बेला में भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की उपासना करना चाहिए.
2. इसके लिए आपको संध्या के समय स्वच्छ कपड़े धारण करके भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की प्रतिमा को भी नए वस्त्र पहनाने चाहिए.
3. फिर उन्हें फूलों की माला पहनाकर उनको गुलाल लगाएं.
4. इसके बाद उन्हें मिश्री और सफेद चीजों का भोग लगाकर खुश करें.
5. फुलेरा दूज के दिन अगर आप भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की आरती गाते है, तो इससे भी भगवान आपसे बेहद खुश होते है.
फुलेरा दूज की कथा
एक बार जब भगवान श्री कृष्ण मथुरा चले गए थे और काफी दिनों तक वापिस वृंदावन नहीं लौटे, तब ब्रज की सारी गोपियां और राधा जी काफी मायूस रहने लगी थी, इतना ही नहीं, भगवान श्री कृष्ण के ना लौटने पर ब्रज के फूलों ने भी खिलना बंद कर दिया था. ऐसे में जब भगवान श्री कृष्ण को इस बात का पता लगा तब उन्होंने मथुरा से वृंदावन आकर राधा जी और गोपियों से मुलाकात की. कहते है इसी दौरान राधा जी ने भगवान श्री कृष्ण पर गुलाल फेंक दिया, तब से ही फुलेरा दूज को प्रेम के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के ब्रज वापिस लौटने पर गांव वालों ने उन पर फूल बरसाए थे, तभी से फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है.
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फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त
सुबह 09 बजकर 04 मिनट पर से 22 फरवरी 2023 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक