Pradosh vrat: गणेश जी संग मिलेगा महादेव का आशीर्वाद, केवल ऐसे करें प्रदोष व्रत का पालन

Pradosh vrat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद फलदायी माना गया है. जोकि हर महीने पड़ने वाले कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. प्रदोष व्रत पर विशेष तौर पर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है. आज 3 मई यानि बुधवार के दिन वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाएगा. बुधवार के दिन पड़ने के कारण प्रदोष व्रत को सौम्यवारा प्रदोष के नाम से जाना जाएगा.
जिसका पालन करके आप अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं. ऐसे में यदि आप भी महादेव के साथ माता पार्वती और गणेश जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको जरूर ही प्रदोष व्रत का पालन विधि-विधान से करना चाहिए. हमारे आज के इस लेख में हम आपको प्रदोष व्रत (Pradosh vrat) की विधि और नियम बताने वाले हैं, तो चलिए जानते हैं…
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
02 मई 2023 मंगलवार रात 11:17 मिनट से आरंभ
03 मई 2023 बुधवार रात 11:49 तक समाप्ति
पूजन का समय
03 मई 2023 बुधवार शाम 06:57 मिनट से लेकर 09:06 मिनट तक
प्रदोष व्रत कैसे करें?
1. इस दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि से निपट जाएं और साफ सुथरे वस्त्र पहनें.
2. उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें.
3. इसके बाद भगवान शिव को फल, फूल, प्रसाद, बेल पत्र और धूप अर्पित करें.
4. इसके बाद प्रदोष व्रत (Pradosh vrat) का संकल्प लें.
5. प्रदोष व्रत का पालन करने वाले व्यक्ति को केवल फलाहार का ही सेवन करना चाहिए.
प्रदोष व्रत से लाभ
1. कुंडली में चंद्र का मजबूत होना.
2. शुक्र की स्थिति में सुधार.
3. मानसिक और शारीरिक लाभ.
4. शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति.
ईष्ट प्राप्ति की इच्छा पूर्ण.
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