मांगलिक दोष से निवारण पाने के रामबाण उपाय
कुछ लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष होता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मंगल अधिक प्रभावी है तो उसकी कुंडली में मांगलिक दोष होगा. यह दोष इतना खतरनाक होता है कि यह आपके मांगलिक कार्यों जैसे विवाह इत्यादि में रुकावट बन सकता है. यदि आप अपना व अपनों का मांगलिक दोष से निवारण करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए सभी उपायों पर अमल करें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मान्यता है कि लड़के एवं लड़की की कुंडली में लग्न, चतुर्थ, सप्तम या आठवें भाव में हो तो मंगल यानी मांगलिक दोष होता है. शादी-विवाह के समय ही मंगल दोष की बात अत्यधिक चर्चा में आती है. बताया जाता कि मांगलिक लड़के का विवाह मांगलिक लड़की से ही होना चाहिए नहीं तो उनका वैवाहिक जीवन कष्टकारी रहेगा.
मांगलिक दोष से निवारण
- मांगलिक लड़की को इस दोष से मुक्त करने के लिए उसका पीपल विवाह, कुम्भ विवाह, शालिग्राम विवाह इत्यादि होना आवश्यक है. और साथ ही साथ मंगल यंत्र का पूजन करने से मंगल दोष से मुक्ति मिल सकती है.
- जब मंगल दोष मेष, कर्क, वृश्चिक या मकर राशि में हो तो 28 वर्ष की उम्र के बाद यह दोष स्वतः समाप्त कर हो जाता है. इसलिए इस राशि के मंगल दोषी जातकों को थोड़ा धीरज से काम लेना चाहिए.
- यदि आपकी जन्म कुंडली में मंगल दोष है और शनि मंगल पर दृष्टिपात कर रहा है. तो मंगल दोष स्वतः ही नष्ट हो जाता है.
- यदि मांगलिक व्यक्ति की कुंडली में मंगल के सामने वाले स्थान को छोड़कर किसी दूसरे स्थान पर पाप ग्रह है तो मंगल दोष समाप्त हो जाता है. और ऐसे व्यक्ति को दोष मुक्त माना जाता है.
- मंगल दोष से ग्रस्त व्यक्तियों को मंगल यंत्र का प्रयोग किसी विशेष परिस्थिति जैसे, शादी-विवाह में विलंब, सन्तान उतपन्न होने में समस्या, दाम्पत्य कलेश इत्यादि में ही करना चाहिए.
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