Sawan 2021: भोलेनाथ अपने गले में क्यों पहने रहते हैं नाग? जानें इसके पीछे का कारण

 
Sawan 2021: भोलेनाथ अपने गले में क्यों पहने रहते हैं नाग? जानें इसके पीछे का कारण

Sawan 2021: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ (Bholenath) की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इन दिनों भोलेनाथ यानि शिव जी और माता पार्वती धरती पर वास करती हैं. सावन के पवित्र महीने में श्रद्धालु भोलेनाथ की पूजा कर अपनी अर्जी लगाते हैं. साथ ही सावन के सोमवार पर व्रत भी रखते हैं. जिससे उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लेकिन क्या आपको यह पता है कि भगवान शिव जी अपने गले में नाग क्यों पहने रहते हैं. आज हम आपको बताएंगे इसके पीछे क्या है कारण...

शिव जी का स्वरूप बाकी देवताओं से काफी अलग है. क्योंकि उनकी जटा में गंगा, सिर पर चंद्रमा, गले में नाग और हाथ में त्रिशूल व डमरू हर समय रहता है. दरअसल, कहा जाता है कि शिव जी को नाग और नागिन अपना प्रभु यानि भगवान मानते हैं. उनके गले में भी सर्प की माला लिपटी रहती हैं. लेकिन पौराणिक कथा के हिसाब से कारण कुछ अलग है.

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भोलेनाथ ने नागराज को दिया था वरदान

पौराणिक कथा के मुताबिक नागराज वासुकी हमेशा शिव जी की भक्ति मेें लीन रहते थे. इसलिए वह उनके परम भक्त थे. नागराज वासुकी ने समुद्र मंथन के दौरान रस्सी का काम किया था. नागराज की इस भक्ति को देखकर भोलेनाथ उनसे प्रसन्न हो गए थे. जिसके बाद भोलेनाथ ने नागराज को अपने गले से लिपटे रहने का वरदान दिया. इसके बाद से वह अमर हो गए और हमेशा शिव जी के गले में धारण रहते हैं.

आपको बता दें कि सावन के पवित्र महीने में नाग पंचमी का त्योहार होता है. इस खास मौके पर मंदिरों में नाग पर दूध चढ़ाया जाता है. साथ ही इस दिन कुंडली से काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी विशेष उपाय किए जाते हैं. ध्यान रहे कि इस बार नाग पंचमी 13 अगस्त 2021 को मनाई जाएगी.

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