Sawan 2023: सावन में क्यों नहीं खाना चाहिए मांस? क्या है आध्यात्मिक, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

 
Sawan 2023: सावन में क्यों नहीं खाना चाहिए मांस? क्या है आध्यात्मिक, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Sawan 2023: सावन महीने को हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण महीना (Sawan 2023) भी कहते हैं,  इस महीने में मांसाहारी व्यक्ति अपने आहार में मांस नहीं खाते हैं और सकारात्मक विचारों के आधार पर कई रीति-रिवाज का भी अनुसरण करते हैं. सावन मास में कई हिंदू धार्मिक लोग अपने आहार में मांस खाना नहीं पसंद करते हैं और इसे अपनाने से बचते हैं. इसके पीछे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं.

आध्यात्मिक कारण (Sawan 2023)

• धार्मिक आदर्श-  सावन (Sawan 2023) महीने में विशेष धार्मिक महत्व होता है, जिसमें भक्ति और पवित्रता का माहौल बना रहता है. इस समय परंपरागत धार्मिक विश्वास में मांस का सेवन करने से बचा जाता है, ताकि मनुष्य अपने आध्यात्मिक जीवन को पवित्रता और शुद्ध बना सके.

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• नियम से उपासना- कई लोग सावन (Sawan 2023) महीने में नियमित रूप से शिव-पूजा करते हैं. उन्हें शाकाहारी भोजन करने के प्रति अनुशासन और सात्विकता का पालन करना अधिक अनिवार्य होता है, जिसमें मांस नहीं शामिल होता है.

• आध्यात्मिक विकास-  सावन महीने में अध्यात्मिक विकास के लिए ध्यान, तपस्या, और धार्मिक अभ्यास का विशेष महत्व होता है. ध्यान के लिए सात्विक आहार का सेवन किया जाता है, जिसमें मांस शामिल नहीं होता है.

• आयुर्वेदिक परंपरा- आयुर्वेद में सावन में मांस खाने का अनुशासन रहता है क्योंकि इस मौसम में गर्मी के कारण शारीर का पाचन कमजोर होता है और विभिन्न तरह के प्रकार के मांस के भोजन से जाने-अनजाने में पाचन शक्ति प्रभावित हो सकती है.इसलिए, आयुर्वेद में सावन में शाकाहारी आहार का प्रमुख स्थान होता है.

• परंपरागत विचारधारा-  कई लोग अपने परंपरागत विचारधारा के अनुसार भी सावन (Sawan 2023) में मांसाहार नहीं करते हैं इसे वैदिक संस्कृति और परंपरागत भारतीय धरोहर के रूप में भी समझा जा सकता है.

वैज्ञानिक कारण (Sawan 2023)

• मौसम और पाचन- सावन महीने में गर्मी का मौसम रहता है और शरीर की गतिविधियां बढ़ जाती हैं. मांस खाने से उच्च तापमान के कारण पाचन क्रिया विकृत हो सकती है और पेट में अवसाद, जलन, या अपच की समस्याएं हो सकती हैं.

• जलवायु और शारीरिक गतिविधियां-  सावन महीने में शरीर की प्राकृतिक गर्मी के कारण अधिक प्रोटीन और मांस का सेवन करना शरीर के लिए अधिक गर्मी पैदा कर सकता है, जो की स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

• पवित्रता के विचार से- धार्मिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए तो कई धर्मों में शाकाहारी भोजन को पवित्र माना जाता है और अन्न विकारी शक्तियों से मुक्त होता है. ऐसे में, धार्मिक अनुष्ठान में मांस का सेवन करने से बचा जाता है.

इस प्रकार, सावन में मांस न खाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण होते हैं, और यह धार्मिक माहौल में सात्विकता और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ाने का एक तरीका माना जाता है.

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