Sawan 2023: सावन के महीने में क्यों होती है भोलेनाथ की आराधना?
Sawan 2023: सावन के महीने में भोलेनाथ की पूजा की जाती है क्योंकि यह मान्यता है कि भगवान शिव इस मास में विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और मानवता की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. सावन के महीने को श्रावण मास के रूप में भी जाना जाता है और यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह के पहले सोमवार से शुरू होता है और पूरे महीने तक चलता है. भगवान शिव को भोलेनाथ कहा जाता है, क्योंकि वे अत्यंत सरल, भोले, अहंकार रहित और सदैव भक्तों के प्रति संवेदनशील रहते हैं.
सावन (Sawan 2023) माह में भोलेनाथ की पूजा करने से मान्यता है कि मानवता के सभी दुःखों और संकटों का नाश होता है और उनकी कृपा से जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है. यह मान्यता है कि सावन महीने में भगवान शिव अपनी अनुग्रह और कृपा का विशेष धारण करते हैं और इस महीने में उनकी पूजा-अर्चना और व्रत करने से भक्तों को बहुतायता, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है,
सावन (Sawan 2023) का महत्व बहुत अधिक मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ा है. इस मास में कई प्रकार की व्रत, पूजाएं और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है शिवरात्रि. शिवरात्रि को सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है और इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. भोलेनाथ के इस महापर्व को भक्तों द्वारा विशेष आत्मीयता और श्रद्धा के साथ मनाते हैं.
सावन (Sawan 2023) के महीने में भोलेनाथ की पूजा करने से लाभ
1. दिव्य शक्ति की प्राप्ति- भोलेनाथ की पूजा से आप दिव्य शक्ति की प्राप्ति कर सकते हैं और मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से मजबूत हो सकते हैं.
2. संकटों का नाश- भोलेनाथ की पूजा से आपके जीवन से संकट और दुःखों का नाश होता है और सुख और शांति की प्राप्ति होती है.
3. आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति- भोलेनाथ की पूजा से आपको आर्थिक समृद्धि मिल सकती है और आपके व्यापार में वृद्धि और नौकरी में पदोन्नति हो सकती है.
4. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य- भोलेनाथ की पूजा से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधरता है और आपको शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है.
5. परिवार में खुशहाली- भोलेनाथ की पूजा करने से परिवार में खुशहाली और समृद्धि आ सकती है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द बढ़ सकता है.
भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सावन (Sawan 2023) के महीने में अपने ईश्वर के आदेशों का अच्छी तरह से पालन करें और धर्म के अनुसार आचरण रखें. इसके अलावा आप अपने विचारों को साफ़ रखें और भगवान शिव की भक्ति में आस्था रखें.
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