Shani Dev ke Vahan: शनिदेव जब 9 वाहनों पर सवार होकर करते हैं आपकी कुंडली में प्रवेश, तब होते हैं ये नुकसान और फायदे...
Shani dev ke vahan: शनिदेव को न्याय प्रिय देवता कहा जाता है. जोकि अच्छे लोगों पर अच्छा औऱ बुरे व्यक्तियों पर अपनी कुदृष्टि डालते हैं. शनिदेव जोकि सूर्य देव के पुत्र है, औऱ भगवान शंकर के अन्नय भक्तों में से एक हैं. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो शनिदेव के कुल 9 वाहन हैं, जिनपर अलग-अलग समय और स्वरूप के आधार सवारी करते हुए शनिदेव अपने भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं.
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यही कारण है कि शनिदेव जब अपने जिस वाहन पर सवार हो, तब आपको किस तरह से कर्म करने चाहिए, ये जानना आवश्यक हैं. हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसी के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं….
शनिदेव के 9 वाहन और उनका अच्छा और बुरा प्रभाव….
शनिदेव जब सियार पर सवार होते हैं. तो आपको अशुभ घटनाएं सुनने को मिलती हैं. इस दौर में आपको धैर्य से काम लेना चाहिए.
जब शनिदेव हंस पर सवार होते हैं. तो इस दौर में आपको काफी आर्थिक लाभ होता है. साथ ही आपको बुद्धि और मेहनत से किए गए कामों का पूरा लाभ मिलता है.
जब शनिदेव कौए पर सवार होते हैं. तब ये दौर परिवारिक कलह और टकराव का होता है. इस अवधि में आपको लड़ाई झगड़े से बचना चाहिए.
शनिदेव जब हाथी पर सवार होते हैं, तब आपको अपनी इच्छा के मुताबिक फल नहीं मिलता है. इस अवधि में आपको हिम्मत से काम लेना चाहिए.
जब शनिदेव मोर पर सवार होते हैं. तब इस अवधि में आपको मेहनत औऱ भाग्य दोनों का ही फल मिलता है. और आपकी हर समस्या का समाधान हो जाता है.
शनिदेव जब गधे पर सवार होते हैं. तब आपको लाख प्रयास करने के बाद ही सफलता हाथ लगती है. और आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है.
शनिदेव जब घोड़े पर सवार होते हैं, तब व्यक्ति आसानी से अपने शत्रुओं पर विजय पा लेता है. साथ ही इस दौर में व्यक्ति ऊर्जा और ताकत से ओतप्रोत महसूस करता है.
जब शनिदेव शेर पर सवार होते हैं, तब इसे आपके शत्रुओं के नाश का समय माना जाता है. ऐसे में आप बिना किसी मेहनत के अपने शत्रुओं पर विजय पा लेते हैं.
शनिदेव जब भैंसे पर सवार होते हैं, तब आपको शुभ काम करने की ही सलाह दी जाती है. साथ ही में इस दौर में अगर आप बुरे काम करते हैं, तो आपको हानि पहुंचती है.