Shani in kundali: कुंडली में यहां विराजित शनि देव दिलाते हैं व्यापार और करियर में तरक्की...
Shani in kundali: शनिदेव को न्याय प्रिय देव की संज्ञा दी गई है. कहते हैं हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति सदा ही शनि की कुदृष्टि से बचना चाहता है. क्योंकि मान्यता है कि शनि देव जिस पर भी अपनी नजर डालते हैं, उसका बुरा होना तय है. ऐसे में लोग सदा उन कामों को करने से बचते हैं. जोकि शनि देव को अप्रिय हैं. वरना शनि देव आपके कर्मों का आपको तुरंत ही दंड देते है. यही कारण है कि शनि देव का आशीर्वाद पाने के लिए व्यक्ति हर शनिवार को सच्चे मन से शनि देव की आऱाधना करते हैं,
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पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते हैं, शनिदेव की प्रतिमा पर तेल चढ़ाते हैं. ताकि शनिदेव उनसे नाराज ना होने पाएं. ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि शनिदेव अगर आपकी कुंडली में इस भाव में मौजूद होते हैं, तो वह आपको अशुभ के स्थान पर शुभ फल देते हैं. जिसके परिणामस्वरूप आप जीवन में खूब तरक्की करते हैं, औऱ सफलता पाते हैं. तो चलिए जानते हैं….
कुंडली में कहां विराजित शनि कराते हैं शुभ लाभ….
अगर आपकी कुंडली के सप्तम भाव में शनि विराजित हैं, तो ये आपके लिए शुभ होते हैं. जिस कारण इस अवधि में आपको व्यापार औऱ करियर में अपार धन की प्राप्ति होती है. साथ ही आपको पैतृक संपत्ति मिलने के भी आसार होते हैं. इतना ही नहीं, अगर शनि आपकी कुंडली के सप्तम भाव में विराजित है.
तो आप व्यापार में दिन रात तरक्की करते हैं. साथ ही इस अवधि में यदि नया बिजनेस करने की सोचते हैं, तब भी आपको फायदा होता है. हालांकि अगर इस भाव में शनि मौजूद है, तो ये वैवाहिक जीवन के लिए काफी तनाव भरा रहता है.
जीवनसाथी से आपका छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा शुरू हो जाता है. जबकि अविवाहित लोगों के लिए ये भाव विवाह में देरी का कारण बनता है. बाकी शनि का कुंडली के सप्तम भाव में होना करियर औऱ व्यापार के लिहाज से काफी शुभ माना जाता है.