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Thursday, March 30, 2023
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Shanidev Ki Kahani: शनि देव के लंगड़ाकर चलने का क्या है कारण? जानिए क्यों भोग रहे हैं इतना कष्ट…

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Shanidev ki kahani: शनिदेव को हिंदू धर्म में न्यायप्रिय देवता के तौर पर पूजा जाता है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति जीवन में अच्छे काम करता है, औऱ सदा शनिदेव को प्रसन्न करने की युक्ति करते हैं. तो शनिदेव अपने उन भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. लेकिन ये भी सच है कि आज तक कोई भी शनिदेव की बुरी नजर से बच नहीं पाया है. जो व्यक्ति अपने जीवन में सदा बुरे कामों में लिप्त रहता है. शनिदेव उस व्यक्ति को सदैव उसके कार्यों का बुरा फल देते हैं.

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यही कारण है कि लोग शनिदेव को सदा प्रसन्न करने के लिए कोशिश करते हैं, कि उनके किसी भी काम से शनिदेव नाराज ना होने पाए. यही कारण है कि प्रत्येक व्यक्ति शनिदेव को खुश करने के लिए सदा उपाय करते रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिदेव क्यों लगड़ाकर या नवग्रहों में इतनी धीमी चाल चलते हैं. यदि नहीं, तो हमारे आज के इस लेख में हम आपको शनि देव के लगड़ाकर चलने के पीछे का कारण बताएंगे. तो चलिए जानते हैं….

शनिदेव के लगड़ाकर चलने के पीछे है ये कारण…

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिदेव जोकि सूर्य देव औऱ माता संज्ञा के पुत्र हैं. एक बार जब उनकी माता अपने पति के तेज से परेशान होकर अपने पिता के घर चली गई थी. तब वह अपनी छाया स्वर्णा को सूर्यदेव औऱ पुत्र शनिदेव की सेवा में छोड़कर चली गई थी. जिसके बारे में सूर्यदेव को भी नहीं मालूम था. यही कारण है कि सूर्यदेव और स्वर्णा के 5 पुत्र औऱ 2 पुत्रियां हुईं. जिस कारण स्वर्णा शनिदेव पर ध्यान नहीं देती थी.

Shani Dev Vahan

एक बार की बात है कि जब शनिदेव को जोरों की भूख लगी, तब वह माता स्वर्णा के पास भोजन लेने गए. जिस पर माता स्वर्णा ने शनिदेव को ये कहा कि पहले वे भगवान को भोग लगाएंगी औऱ उसके बाद उनके छोटे भाई-बहन खा लें. तब जाकर उन्हें भोजन मिलेगा. जिस पर शनिदेव ने क्रोध में आकर माता को मारने के लिए अपना पैर उठा लिया, कहते हैं कि तभी उनकी माता स्वर्णा ने उन्हें श्राप दे दिया था, कि तेरा पैर सदा के लिए टूट जाएगा.

Shani jayanti 2022

जिसके बाद शनिदेव अपने पिता सूर्यदेव के पास गए. जहां सूर्यदेव को जब इस बात का पता चला, तो उन्होंने कहा कि कोई माता अपने पुत्र को ऐसा श्राप नहीं दे सकती. जिस पर सूर्यदेव माता स्वर्णा के पास गए. और बोले कि तुम शनि की माता नहीं हो, बताओ तुम कौन हो. जिस पर माता स्वर्णा ने सूर्यदेव को बताया कि कैसे संज्ञा जोकि सूर्य़देव के तेज से परेशान होकर मायके चली गई, औऱ आपकी व शनि की सेवा के लिए अपनी छाया यानि मुझे यहां छोड़ गई.

Shani Vakri 2022

जिस पर सूर्यदेव ने शनिदेव से कहा कि वह माता स्वर्णा के इस श्राप को खारिज तो नहीं कर सकते, लेकिन हां शनिदेव का पैर तो अलग नहीं होगा, लेकिन तुम जीवन भर लंगड़ाकर चलोगे. यही कारण है कि सारे नवग्रहों में शनि की चाल सबसे धीमी है औऱ वह सदा लगड़ाकर चलते हैं. तो इस प्रकार, शनिदेव आज भी अपनी माता के श्राप को झेल रहे हैं, लेकिन वह कभी भी किसी सच्चे व्यक्ति के साथ नाइंसाफी नहीं होने देते हैं.

Anshika Johari
Anshika Joharihttps://hindi.thevocalnews.com/
अंशिका जौहरी The Vocal News Hindi में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं. उनकी रुचि विशेषकर धर्म आधारित विषयों में है. अपने धार्मिक लेखन की शुरुआत उन्होंने Astrotalk और gurukul99 जैसी बेवसाइट्स के साथ की है. उन्होंने अपनी जर्नलिज्म की पढ़ाई इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी, बरेली से की है.
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