Shanivar ke upay: आज के दिन पीपल के पेड़ के नीचे क्यों जलाया जाता है सरसों के तेल का दीया...जानिए कारण

 
Shanivar ke upay: आज के दिन पीपल के पेड़ के नीचे क्यों जलाया जाता है सरसों के तेल का दीया...जानिए कारण

Shanivar ke upay: हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का विशेष धार्मिक महत्व है. पीपल के पेड़ को स्वयं भगवान विष्णु ने अपना अवतार बताया है, जिस कारण आरंभ से ही इस पेड़ को काफी पूजनीय माना जाता रहा है.

मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर पितरों का वास होता है, यही कारण है कि इस पेड़ के संबंध में काफी नियम लागू होते है, जिनका सही तरीके से पालन करने पर व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.

इन्हीं नियमों में एक नियम है…शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने का. कहा जाता है, जो लोग हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाते हैं.

उन पर सदा शनि देव की कृपा बनी रहती है. लेकिन पीपल के पेड़ और शनि देव का आपस में क्या संबंध है? और क्यों हर शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने की प्रथा चलन में है? हमारे आज के इस लेख में हम आपको इसके पीछे छिपा कारण या कहानी बताने वाले हैं.

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तो इस कारण पीपल के पेड़ के नीचे जलाया जाता है दीपक….

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पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार जब स्वर्ग व धरती लोक पर असुरों का राज हो गया था. तब कैटभ नाम के एक राक्षस ने पीपल के पेड़ का रूप धारण करके ब्राह्मणों के यज्ञ को नष्ट करने की ठान ली थी.

ऐसे में जब भी कोई ऋषि या ब्राह्मण पीपल के पेड़ की टहनी तोड़ने का प्रयास करता, तो वह राक्षस उन्हें खा जाता, जिस कारण सारे ब्राह्मण एक दिन परेशान होकर सूर्य के पुत्र शनि देव के पास मदद मांगने के लिए गए.

जिस पर शनिदेव ने युद्ध करके कैटभ नाम के राक्षस का वध कर दिया और इस तरह से ब्राह्मणों को उस राक्षस के आतंक से छुटकारा मिला. कहते हैं तभी से पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाया जाता है, ताकि शनि देव की कृपा बनी रहे.

दूसरी कथा के अनुसार, एक समय एक ऋषि हुए करते थे, जिनको भगवान शिव का अवतार माना गया. उनका नाम ऋषि पिप्लाद था. ऋषि पिप्लाद के माता पिता की मृत्यु शनि देव के हाथों हुई थी.

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ऋषि पिप्लाद को जब ये ज्ञात हुआ तब उन्होंने शनिदेव को दंड देने के लिए ब्रह्मा जी की तपस्या करके उनसे ब्रह्म दंड वरदान में पाया. जिसके बाद उन्होंने शनिदेव पर ब्रह्म दंड से प्रहार करके उनके दोनों पैर तोड़ दिए. जिस पर शनिदेव ने भगवान शिव को पुकारा और फिर भगवान शिव ने आकर ऋषि का क्रोध शांत किया.

कहते हैं ऋषि पिप्लाद जोकि पीपल के पेड़ के नीचे जन्मे थे, जो भी व्यक्ति शनिवार को उसके नीचे सरसों के तेल का दिया जलाता है, उस पर ऋषि पिप्लाद की कृपा बनी रहती है और शनिदेव उसका कुछ नहीं बिगड़ पाते.
तभी से पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने की प्रथा का चलन है.

पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से होते हैं कई लाभ….

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पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद साढ़े साती, शनि की कुदृष्टि से राहत मिलती है.

शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से व्यक्ति के जीवन में असफलता दूर हो जाती है, और उसे अपने हर काम में सफलता हासिल होती है.

पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से आपके परिवार में सुख, शांति का माहौल बना रहता है, और आपके परिवार के लोग निरोगी रहते हैं.

अगर आप सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाते हैं, तो इससे वहां मौजूद बुरी आत्माओं की दृष्टि आप पर नहीं पड़ती है.

अगर आप शुद्ध देसी घी का दिया पीपल के पेड़ के नीचे अमावस्या के दिन जलाते हैं, तो आपके पितर आपसे खुश रहते हैं.

इस प्रकार, हर शनिवार को सूर्यास्त के बाद आटे का दीपक बनाएं और उसमें सरसों का तेल डालकर उसे नियमित तौर पर जलाएं. ऐसा करने से आपके ऊपर सदैव शनि देव की कृपा दृष्टि बनी रहती है और कुंडली से शनिदोष समाप्त होता है.

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