Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया! कब बनाएं, रखें और खाएं खीर? सूतक काल में क्या ना करें?

Sharad Purnima 2023: इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा। चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल होता है, जिसमें शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। ऐसे में इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाना और खाना वर्जित होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान खीर बनाना और खाना अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान बनाई गई खीर दूषित हो जाती है और इसका सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। 2023 में शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को है। इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण 27 अक्टूबर की रात 1:06 बजे से लगेगा और 2:22 बजे खत्म होगा। ऐसे में सूतक काल दोपहर 12:06 बजे से शुरू होगा और 2:22 बजे खत्म होगा। सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
कब बनाएं खीर?
2023 में शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण 27 अक्टूबर को लगेगा। ग्रहण की शुरुआत भारत में रात 1:06 बजे से होगी और 2:22 बजे समाप्त होगी। ग्रहण का सूतक काल 27 अक्टूबर को दोपहर 12:06 बजे से शुरू होगा और 2:22 बजे समाप्त होगा। सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

खीर रखने का सही समय
पहला तरीका:
- 27 अक्टूबर को खीर बना लें।
- 28 अक्टूबर को सुबह 4:17 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू होगी।
- खीर के अंदर तुलसी के पत्ते का कुश डालकर उसे चांदनी में रख दें।
- सुबह 4:42 बजे खीर को उठा लें और उसे भोग के रूप में खाएं।
दूसरा तरीका:
- 28 अक्टूबर को मध्यरात्रि 2:52 बजे के बाद, यानी चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद, खीर बना लें।
- उसे चांदनी में रख दें।
- खीर का सेवन करें।
चंद्रग ग्रहण के सूतक काल के दौरान क्या ना करें?
- ग्रहण का सीधा दर्शन करना: ग्रहण के दौरान सूर्य या चंद्रमा को नग्न आंखों से देखना हानिकारक हो सकता है। ग्रहण देखने के लिए विशेष चश्मा या फिल्टर का उपयोग करना चाहिए।
- खाना बनाना और खाना: सूतक काल के दौरान भोजन पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस दौरान भोजन बनाना और खाना वर्जित है।
- शुभ कार्य करना: सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है, जैसे कि शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, आदि।
- तुलसी के पौधे को छूना: तुलसी को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। सूतक काल के दौरान तुलसी के पौधे को छूना अशुभ माना जाता है।
- बाहर निकलना: सूतक काल के दौरान घर से बाहर निकलना वर्जित है।

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भारत में कहां दिखेगा?
- दिल्ली
- मुंबई
- चेन्नई
- कोलकाता
- बेंगलुरू
- हैदराबाद
- पुणे
- अहमदाबाद
- सूरत
- जयपुर
- कानपुर
- लखनऊ
- नागपुर
- कोयंबटूर
- नासिक
- रायपुर
- भोपाल
- जोधपुर
- प्रयागराज
- देहरादून
- पटना
शरद पूर्णिमा 2023 के दिन शहरों में कब होगा चंद्रोदय?
शहर | चंद्रोदय का समय |
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मुंबई | शाम 5 बजकर 47 मिनट पर |
दिल्ली | शाम 5 बजकर 20 मिनट पर |
चेन्नई | शाम 5 बजकर 23 मिनट पर |
कोलकाता | शाम 4 बजकर 40 मिनट पर |
बैंगलोर | शाम 5 बजकर 34 मिनट पर |
हैदराबाद | शाम 5 बजकर 26 मिनट पर |
पुणे | शाम 5 बजकर 44 मिनट पर |
अहमदाबाद | शाम 5 बजकर 45 मिनट पर |
जयपुर | शाम 5 बजकर 27 मिनट पर |
कानपुर | शाम 5 बजकर 9 मिनट पर |
पटना | शाम 4 बजकर 50 मिनट पर |
भोपाल | शाम 5 बजकर 25 मिनट पर |
लक्ष्मी पूजन का सही तरीका
शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है और घर में सुख-शांति रहती है।
- लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे पहले घर को साफ-सुथरा कर लें।
- फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर रखें।
- इसके बाद मां लक्ष्मी को फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, सिंदूर, अक्षत, आदि अर्पित करें।
- मां लक्ष्मी की आरती करें और उनकी प्रार्थना करें।
- लक्ष्मी पूजन के बाद खीर का भोग लगाएं। फिर खीर को प्रसाद के रूप में बांट दें।

लक्ष्मी पूजन के मंत्र:
- ओम ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः
- ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं नमः
- श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
शरद पूर्णिमा पर क्या करें?
- इस दिन नदियों में स्नान करने से भी पुण्य मिलता है।
- इस दिन दान-पुण्य करने से भी पुण्य मिलता है।
- इस दिन रात भर जागने की परंपरा भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन रात भर जागने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
- शरद पूर्णिमा एक शुभ दिन है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
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