Shardiya Navratri 2022: नवरात्र के दूसरे दिन करें माता के इस अवतार का गुणगान, मिलेगा हर समस्या का समाधान
Shardiya Navratri 2022: इस वर्ष 2022 में शारदीय नवरात्रि का त्योहार 26 जनवरी से शुरू हो चुका है. नवरात्रि का यह त्योहार नव दिनों तक मनाया जाता है. इन 9 दिनों में माता रानी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के प्रथम दिन जिस प्रकार माता शैलपुत्री की पूजा होती है. उसी प्रकार नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है.
दुष्टों को सन्मार्ग दिखाने वाली माता ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा रानी का ही एक रूप है. जिसकी पूजा अर्चना का अपना ही एक विशेष महत्व है. माता ब्रह्मचारिणी देवी राजा हिमालय के घर में जन्म लेने वाली देवी हैं. जिन्होंने खोल तपस्या करके भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया. वन में घोर तपस्या करने के कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी देवी पड़ा।
आइए हम जान लेते हैं कि नवरात्रि के दूसरे दिन आप माता ब्रह्मचारिणी की किस प्रकार पूजा अर्चना करें? इस पूजा अर्चना के लिए शुभ मुहूर्त क्या है? साथ ही आप किन ध्यान मंत्र का प्रयोग माता ब्रह्मचारिणी की पूजा में कर सकते हैं.
माता ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा विधि
1. नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा के लिए सर्वप्रथम प्रातः काल उठकर स्नान करें.
2. इसके बाद गंगाजल से अपने पूजा स्थल को शुद्ध करें.
3. घर के मंदिर में दीपक प्रजवल्लित करें और मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति को स्थापित करें.
4. माता रानी की प्रतिमा या मूर्ति को गंगाजल से स्वच्छ करें.
5. माता रानी को सिंदूर और अक्षत लगाएं और लाल पुष्प अर्पित करें.
6. माता रानी के प्रसाद में आप फल और मिठाई अवश्य चढ़ाएं.
7. इसके बाद दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और इसके बाद माता ब्रह्मचारिणी देवी की आरती करें.
8. माता रानी को भोग लगाकर आप इस भोग को अपने परिवारजनों में बांट दें.
माता ब्रह्मचारिणी देवी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता
ब्रह्मा जी के मन भाती हो
ज्ञान सभी को सिखलाती हो
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा
जिसको जपे सकल संसारा
जय गायत्री वेद की माता
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता
कमी कोई रहने न पाए
कोई भी दुख सहने न पाए
उसकी विरति रहे ठिकाने
जो तेरी महिमा को जाने
रुद्राक्ष की माला ले कर
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर
आलस छोड़ करे गुणगाना
मां तुम उसको सुख पहुंचाना
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम
पूर्ण करो सब मेरे काम
भक्त तेरे चरणों का पुजारी
रखना लाज मेरी महतारी
माता ब्रह्मचारिणी देवी का ध्यान मंत्र
श्लोक
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
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ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्