Shiv Temple Fact: केदारनाथ से रामेश्वरम तक यह सात मंदिर है एक सीधी रेखा में, जानें इनसे जुड़े रोचक तथ्य
हिंदू धर्म में शास्त्रों को सर्वोपरि माना जाता है. धर्म के लोग भगवान में और शास्त्रों में अपनी धार्मिक आस्था रखते है. कही न कही शास्त्रों में कही गई बातों का आज के आधुनिक विज्ञान में अक्स देखन को मिल ही जाता है. आज के इस लेख में हम आपको एक ऐसे ही अद्भुद चमत्कार से अवगत कराएंगे. यूं तो भारत और विश्व में भगवान शिव के अनेक मंदिर है मगर क्या आपको पता है इनमे से कुछ शिव मंदिर एक ही देशांतर रेखा में है.
केदारनाथ से रामेश्वरम तक यह सात मंदिर
जी हां अपने सही सुना है भारत में भगवान शिव के ऐसे सात मंदिर है जो एक ही देशांतर रेखा यानी एक सीधी लाइन में मौजूद है. यह मंदिर केदारनाथ धाम से लेकर रामेश्वरम धाम तक है. केदारनाथ धाम और रामेश्वरम धाम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से 2 ज्योतिर्लिंग है. इसके अलावा इस सीधी रेखा में पंचभूत स्थल भी है जिसमे पाँच तत्वों की शुद्धि के लिए पाँच शिव मंदिर है. उत्तराखंड में बसे केदारनाथ मंदिर से तमिलनाडु के रामेश्वरम मंदिर के बीच लगभग 2400 किमी की दूरी हैं. भगवान शिव के यह सभी मंदिर हजारों वर्ष पुराने है और सभी 7 मंदिर एक ही देशांतर रेखा यानी सीधी लाइन में है.
यह बात एक आचार्य की बात है कि हजारों वर्ष पूर्व बने यह मंदिर एक दूसरे से हजारों किमी दूर है. सबसे उत्तर में स्थित केदारनाथ मंदिर हिमालय की बर्फीली चोटियों के मध्य स्थित है. जबकि रामेश्वरम मंदिर हिन्द महासागर के करीब है. पंचभूत मंदिर इन दोनों के बीच, फिर किसी ने तो इतनी योजनबद्ध तरीके से इनका निर्माण किया कि यह सभी एक ही देशांतर रेखा (79° पूर्व) में स्थित हैं. आपको बता दे कि पृथ्वी पर ऐसी 360 देशांतर रेखाएँ हैं.
दक्षिण भारत में स्थित पंचभूत स्थल पाँच शिव मंदिरों का एक संग्रह है, जिसमें से हर मंदिर पाँच तत्वों में से एक को समर्पित है. पृथ्वी, आकाश, जल, वायु और अग्नि.
एकंबरेश्वर मंदिर (पृथ्वी): कांचीपुरम के मंदिर के शिव लिंग को पृथ्वी लिंग के रूप में पूजा जाता है.
नटराज मंदिर (आकाश): चिदांबरम स्थित इस शिव मंदिर में शिव को आकाश लिंगम की तरह पूजा जाता है.
जम्बुकेश्वर मंदिर (जल): तिरुचिरपल्ली स्थित इस मंदिर में है जम्बु लिंगम.
कालहस्ती मंदिर (वायु): आंध्र प्रदेश स्थित यह शिव मंदिर अपने वायु लिंगम के लिए प्रसिद्ध है.
अरुणाचलेश्वर मंदिर (अग्नि): इस मंदिर के शिव लिंग को अग्नि लिंगम के रूप में पूजा जाता है.
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