Shiva's third eye: शिव भक्त जरूर जानें, भगवान शिव की तीसरी आंख का रहस्य

 
Shiva's third eye: शिव भक्त जरूर जानें, भगवान शिव की तीसरी आंख का रहस्य

Shiva's third eye: देवों के देव महादेव को त्रिनेत्र भी कहा जाता है. उनकी तीसरी आँख को लेकर कई कथाएँ हैं. वैसे तो शिवशंकर दयालु व करुणा के लिए जाने जाते हैं, लेकिन रौद्र यानी क्रोधित रूप का भी वर्णन है, इसलिए शिव का एक नाम रुद्र भी है. सभी जानते हैं कि भगवान शिव की तीन आँखें हैं. लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि उनकी तीसरी आँख के पीछे एक रहस्य भी है. ये सच में एक रहस्य है कि शिवजी को तीसरी आँख कैसे प्राप्त हुई. तो आइये आज जानते हैं, महादेव की तीसरी आँख का रहस्य

कैसे मिली शिव को तीसरी आंख? (Shiva's third eye)

पौराणिक कथा अनुसार, एक बार भगवान शिव ने हिमालय पर्वत पर एक सभा का आयोजन किया था. सभा में सभी देवताओं, ऋषि-मुनियों और ज्ञानी लोगों को न्योता भेजा गया. इसी दौरान माता पार्वती वहां पहुंचीं और शिवजी की आंखों पर अपने दोनों हाथ रख दिए, जिसके बाद पूरी सृष्टि में अंधेरा छा गया. सूर्य का प्रभाव समाप्त हो गया और धरती पर कोहराम मच गया. उसके बाद शिवजी ने अपने माथे पर ज्योतिपुंज प्रकट किया, जिससे सृष्टि में वापस रोशनी लौट आई.

WhatsApp Group Join Now

इस ज्योतिपुंज को ही शिवजी की तीसरी आंख कहा गया. तब पार्वती जी ने शिव जी उनकी तीसरी आँख का रहस्य पूछा. शिवजी बोले उनकी आंखें जगत की पालनहार हैं. अगर वो ज्योतिपुंज प्रकट नहीं करते तो सृष्टि का विनाश हो जाता. इस प्रकार से शिवजी को तीसरी आंख प्राप्त हुई. इसलिए शिव जी अपनी  तीसरी आंख बंद रखते हैं और तब ही खोलते हैं, जब विनाश का समय होता है. या शिवजी बहुत क्रोधित होते हैं.

कब खुलती हैं महादेव की तीसरी आँख (Shiva's third eye)

माना जाता है कि जब जब सृष्टि के विनाश का समय होता है तब तब शिवजी अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं. साथ ही जब जब धरती पर पाप बढ़ता है , अन्याय होता है तब तब महादेव पाप और अन्याय कि विनाश के लिए अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं. कहा जाता है कि जब जब भोलेनाथ क्रोध में आते हैं तो अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं और प्रलय आती जाती है.

ये भी पढ़ें:- भोलेनाथ को कैसे करें प्रसन्न? करें ये अचूक उपाय…

Tags

Share this story