Shree Yantra: क्या होता है श्री यंत्र, जानें इसे अपने घर के मंदिरों में रखने से क्या होता है?
इस संसार में आज के समय में कोई भी ऐसा व्यक्ति नही है जो खुद की पहचान दरिद्र नारायण के नाम से रखें. दरिद्र नारायण का अर्थ होता है ऐसा व्यक्ति जो जिसके पास पैसा नहीं बचा और और अधिक आर्थिक तंगी से जूझ रहा हो. वहीं प्रत्येक व्यक्ति यह चाहता है कि उस पर मां लक्ष्मी की अनुकंपा सदैव बनी रहे. इसी वजह से प्रत्येक व्यक्ति मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास करता रहता है. इन्हीं उपायों में से एक है श्री यंत्र की स्थापना और उसकी विधिवत पूजा करना.
यह होता है श्री यंत्र
हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का अपना एक महत्व है और ज्योतिष शास्त्र में तंत्र, मंत्र और यंत्र का अपना स्तन है. यंत्र शास्त्र में मनचाही इच्छा पूरी करने के लिए उपाय के रूप में कुछ विशेष उपकरणों को बनाया जाता है. समाज में अनेक लोग अपने लिए धन, संपत्ति, नौकरी, व्यवसाय व विवाह के लिए यंत्र शक्ति का उपयोग करते हैं. इसी प्रकार धन की इच्छा रखने वाले श्री यंत्र की स्थापना करके उसकी विधिवत पूजा करके लाभ उठाते हैं. देवी लक्ष्मी की कृपा दृष्टि पाने के लिए श्रीयंत्र की स्थापना व पूजा करी जाती है.
श्रीयंत्र का अर्थ उस यंत्र के रूप में प्रयोग किया जाता है जिसकी साधना से धन-संपत्ति और विद्या आदि की प्राप्ति होती है. इस यंत्र को असाधारण शक्तियों और चमत्कारों से भरी हुई विभिन्न गुप्त शक्तियों का उदगम बिन्दु भी माना जाता है. श्री यंत्र को ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है. इस यंत्र को महात्रिपुरी सुंदरी देवी का पूजा स्थल भी माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता हैं कि यह एक अकेला ऐसा यंत्र है जिसकी पूजा करने से समस्त देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है.
यदि आप श्री यंत्र की पूजा आरंभ कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जितना अधिक इसकी पूजा होती है, उतना ही अधिक लाभ भी होता है.
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