Somvar ki puja: इस तरीके से करेंगे भोलेनाथ की पूजा, तब ही मिलेगी विशेष कृपा
Somvar ki puja: भगवान भोलेनाथ देव आदिदेव हैं. जिनकी महिमा चराचर जगत में विख्यात है. अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान देने वाले शिव शंकर की महिमा निराली है. इनकी महिमा का बखान करना किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यन्त कठिन हैं. लेकिन सरल है तो उनकी पूजा. हालांकि हिंदू धर्म की पूजा पाठ में कुछ सामान्य नियमों के साथ पूजा करने का विधान होता है.
लेकिन भगवान भोलेनाथ की पूजा में इन नियमों के साथ ही आपकी सच्ची श्रद्धा व भक्ति का होना भी मायने रखता है. यदि आप भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं और उनकी पूजा पाठ किए बिना आपके दिन की शुरुआत नहीं होती है, तो भगवान भोलेनाथ की पूजा से जुड़े ये खास नियमों का ध्यान अवश्य रखें.
सोमवार का दिन भोलेनाथ का दिन
शिवभक्तों के लिए तो हर दिन शिव का दिन है. लेकिन शिव जी की पूजा के लिए सोमवार के दिन पूजा करना विशेष माना जाता है. सोमवार के दिन पूजा पाठ करना अत्यंत लाभकारी और शुभ माना जाता है. इस दिन तन मन से पूजा करने पर ही भक्तों को लाभ मिलता है.
सफेद वस्त्र धारण कर करें पूजा
भगवान भोलेनाथ की पूजा कभी भी काले वस्त्रों में नहीं करनी चाहिए. लेकिन सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए आप सफेद वस्त्रों का ही प्रयोग करें. हो सके तो बिना सिले सफेद वस्त्र धारण कर शिवजी की पूजा करें.
इस दिशा में बैठकर करें पूजा
भोलेनाथ की पूजा करते समय आप सदैव उत्तर या पूर्व की दिशा में बैठें. इसके अलावा पूजा करने के लिए आप लाल रंग के ऊनी आसान का प्रयोग भी करें. गंगाजल, गाय का दूध, भस्म, रुद्राक्ष, सफेद पुष्प, धतूरा, भांग, बेलपत्र, शमी की पत्तियां आदि का शिव जी की पूजा में जरूर इस्तेमाल करें.
शिवजी को चढ़ाएं जल व दूध
भगवान शिव की पूजा के समय उनके दूध का अभिषेक कर आने से पहले आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि तांबे के लोटे में भूल से भी दूध ना रखें. इसके अलावा शमी तथा बेलपत्र के पत्ते को उल्टा चढ़ाना चाहिए और उसकी घंटे को पहले तोड़ देना चाहिए.
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इसके अलावा शिवलिंग पर भूल से भी कभी शंख से जल नहीं अर्पित करना चाहिए. शिवलिंग पर केवड़े और केतकी का फूल भी नहीं चढ़ाना चाहिए. शिव पूजा में हल्दी और तुलसी दल का प्रयोग भी नहीं किया जाता है.